नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को हटाने का सरकार का संकल्प पत्र पेश किया, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी। मोदी सरकार के इस फैसले का जहां बसपा और शिवसेना ने समर्थन किया, वहीं पीडीपा और कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया।
इन पार्टियों ने दिया समर्थन
We support the govt on its decisions on J & K. We hope this will bring peace and development in the state.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 5, 2019
अमित शाह ने धारा 370 हटाने का जो संकल्प पेश किया उसका समर्थन करने वाली पार्टियों में मायावती की बहुजन समाज पार्टी, बीजद, YSR कांग्रेस, AIADMK, AAP शामिल हैं। वहीं, विरोध करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, पीडीप और एनडीए की सहयोगी पार्टी जदयू शामिल हैं।
भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन
Today marks the darkest day in Indian democracy. Decision of J&K leadership to reject 2 nation theory in 1947 & align with India has backfired. Unilateral decision of GOI to scrap Article 370 is illegal & unconstitutional which will make India an occupational force in J&K.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019
कश्मीर मुद्दे को लेकर पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया है। श्रीनगर में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला को नजरबंद करके रखा गया है। महबूबा मुफ्ती ने अमित शाह के बोलने के बाद ट्वीट करके इसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया।
बसपा ने दिया समर्थन, पीडीपी नेता ने कपड़े फाड़कर किया प्रदर्शन
जहां एक तरफ जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने को बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन दिया, वहीं पीडीपी के नेताओं ने कपड़े फाड़कर इसका विरोध किया।
जम्मू-कश्मीर से अलग हुआ लद्दाख
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने का संकल्प पेश किया, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन विधेयक को पेश किया गया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है.।लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है।