जम्मू-कश्मीर : कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की 380 अतिरिक्त कंपनियां भेजे जाने को लेकर आशंकाओं के बीच राज्य प्रशासन की ओर से पाक आतंकी हमले के अंदेशे पर अमरनाथ यात्रियों से तत्काल घाटी छोड़ने को कहा गया है। इस एडवाइजरी के जारी होने के बाद जम्मू-कश्मीर के सियासी गलियारों में भूचाल सा आ गया है। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह जीने-मरने का समय है तो नेशनल कांफ्रेंस के उप-प्रधान उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस अलर्ट से किसी अलग और बड़े कारण का अंदेशा दे रहा है।
हमारे लिए जीने-मरने का समय : महबूबा
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह समय हमारे लिए जीने मरने वाला है, क्योंकि हमें जम्मू-कश्मीर की पहचान को बचाना है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके नेता भले ही कुछ बोलें लेकिन हकीकत यह है कि राज्य पुलिस को साइडलाइन करके केंद्रीय बलों को लाया जा रहा है। इससे अटकलें तेज हो गई हैं कि अनुच्छेद 35ए को हटाया जा रहा है। यह समय एकजुट होने का है लेकिन सभी अलगाववादी नेता या तो नजरबंद हैं या फिर जेल में बंद हैं। इसलिए देश के संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी यहां के मुख्यधारा की पार्टियों की है।
कहा कि चुनाव तो कभी भी हो सकते हैं और सरकार किसी की भी बन सकती है लेकिन इस समय अपनी पहचान की रक्षा करना सभी मुख्यधारा की पार्टियों की जिम्मेदारी बनती है। उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि दुख तब हुआ जब उमर ने कहा कि उन्होंने चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री से बातचीत की और यह नहीं बताया कि क्या बात हुई। पूर्व आईएएस अफसर शाह फैसल ने सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है।