नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया। संघ प्रमुख ने बुधवार को नागपुर में कहा कि अयोध्या में सिर्फ भगवान राम का मंदिर बनेगा और जरुर बनेगा। संघ प्रमुख ने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए यह भी कहा कि सरकार राम मंदिर को पूरा करने के लिए सभी प्रयास करने का तैयार है।
‘कानून से मंदिर का हल’
बता दें कि नए साल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि कानून प्रकिया के बाद ही अध्यादेश पर विचार किया जाएगा। वहीं पीएम मोदी ने मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि था कांग्रेस ने 70 सालों से मंदिर निर्माण में रोड़ा अटका रखा है।
इंटरव्यू पर संघ का ट्वीट
राम मंदिर पर पीएम मोदी के इस बड़े बयान के बाद राष्ट्रीय स्वयं संघ ने ट्वीट करते कर लिखा था कि हमें लगता है कि प्रधानमंत्री का बयान मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। प्रधानमंत्री ने अपने साक्षात्कार में अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर के निर्माण का संकल्प दोहराया और 1989 में पालमपुर में भाजपा द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुरूप है। उन्होंने यह भी लिखा कि इस प्रस्ताव में भाजपा ने कहा था कि वे दो समुदायों के बीच आपसी संवाद के माध्यम से या आवश्यक कानून को सक्षम करके अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण करने का प्रयास करेंगे।
‘वादे को पूरा करे सरकार’
यहां तक कि 2014 में श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तैयार किए गए चुनाव घोषणापत्र में, भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की सुविधा के लिए संविधान के ढांचे के भीतर सभी संभावनाओं का पता लगाने का वादा किया था। भारत के लोगों ने पूर्ण विश्वास को दोहराया और भाजपा को पूर्ण जनादेश दिया। भरत के लोग इस सरकार से इस कार्यकाल के दौरान उसी वादे को पूरा करने की उम्मीद करते हैं।
वीएचपी ने जताई थी असहमति
विश्व हिंदू परिषद ने असहमति जताई है। वीएचपी ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि राम मंदिर का मामला पिछले 69 सालों से फंसा हुआ है, मंदिर निर्माण का इंतजार लंबे समय से हो रहा है, लेकिन मंदिर बन नहीं पा रहा है। राम भक्त अनंत काल तक मंदिर बनने का इंतजार नहीं कर सकते। वीएचपी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून लाना चाहिए और इसी कार्यकाल में मंदिर का निर्माण कराना चाहिए। वीएचपी ने प्रेस वार्ता में यह भी कहा कि कुंभ में 31 जनवरी और 01 फरवरी को धर्म संसद बुलाई जाएगी।