सावधान ! पृथ्वी के क़रीब आ रहा ब्रम्हांड का सबसे ख़तरनाक Asteroid , तबाही के संकेत
धरती की कक्षा के करीब विश्व का सबसे खतरनाक ऐस्टरॉइड, तेज़ी से आ रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये खतरनाक भयानक तबाही ला सकता है। इतना ही नहीं वैज्ञानकों के अनुसार इस महीने पृथ्वी के बेहद पास से कई खतरनाक ऐस्टरॉइड गुजरेंगे। जिसके कारन पृथ्वी को तबाही का सामना करना पड़ सकता है।
अपोलो श्रेणी का ऐस्टाइरॉइड
इसमें सबसे खतरनाक ऐस्टरॉइड अपोलो श्रेणी का ऐस्टाइरॉइड 1997 BQ है। नासा ने इसे अंतरिक्ष के सबसे बड़े और खतरनाक ऐस्टरॉइड में शामिल किया है जिससे दुनिया भर के वैज्ञानिकों के सामने एक बड़ी चुनौती कड़ी हो गई है।अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक यह ऐस्टरॉइड बहुत तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है और 21 जून पृथ्वी की कक्षा से गुजरेगा। आइए जानते हैं इस ऐस्टरॉइड के बारे में सबकुछ….
11.6 किमी प्रति सेकंड की है रफ्तार
स्पेस साइंटिस्ट का कहना है कि , एक किलोमीटर लंबे किसी भी ऐस्टरॉइड के पृथ्वी के टकराने से विध्वंसी परिणाम हो सकते हैं। 1997 BQ ऐस्टरॉइड को 136795 भी कहते हैं । यह ऐस्टरॉइड , 11.6 किमी प्रति सेकंड की रफ़्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है और वैज्ञानिकों के मुताबिक , 21 मई को इसके पृथ्वी के बेहद पासे गुजरने की संभावना है।
भयानक तबाही का संकेत
ऐस्टरॉइड 1997 BQ को लेकर वैज्ञानिक पूरी तरह से सचेत हैं। नासा का कहना है कि, यह ऐस्टरॉइड अन्य ऐस्टरॉइड की तुलना में यह 97% ज्यादा बड़ा है। अगर यह ऐस्टरॉइड पृथ्वी से टकराता है तो भयानक तबाही होगी। यदि यह ऐस्टरॉइड बिना पृथ्वी को छुए ही निकल जाता है तो भी यह विशाल तबाही ला सकता है जिसमे , लाखों लोगों की जान जा सकती है।
गोल्डेन गेट ब्रिज का है आकार
गौरतलब है कि ,नासा ने वर्ष 1997 में खुलासा किया था कि 1997 BQ ऐस्टरॉइड 0.668 से लेकर 1.493 चौड़ा है। अगर इसकी चमक को मिला दें तो यह ऐस्टरॉइड अमेरिका के गोल्डेन गेट ब्रिज की आकार में दिखता है। गोल्डेन गेट ब्रिज 2,737 मीटर लंबा है। नासा के मुताबिक यह ऐस्टरॉइड बेहद खतरनाक श्रेणी का है क्योंकि यह अपोलो श्रेणी की अंतरिक्ष चट्टानों में आता है। हलाकि, यह पृथ्वी से 6.156 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा।
ऐस्टरॉइड को ख़त्म भी नहीं किया जा सकता
सबसे ख़तरनाक यह है कि , पृथ्वी की तरफ आ रहे ऐस्टरॉइड को नष्ट नहीं किया जा सकता है। क्योंकि ग्रेविटेशनल के कारण ऐस्टरॉइड के टुकड़े फिर से आपस में जुड़ सकते हैं।हलाकि , एस्ट्रोनॉमर अभी करीब 2,000 ऐसे ऐस्टरॉइड, कॉमेट और दूसरे आकाशीय पिंडों पर नजर रख रहे हैं जो पृथ्वी के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। नासा के मुताबिक ऐसे आकाशीय पिंडों को नियर अर्थ ऑब्जेक्ट कहा जाता है जो आसपास के ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण की जद में आ जाते हैं और पृथ्वी के करीब पहुंच जाते हैं।