नई दिल्ली : भारत से जारी तनाव के बीच पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही ICU में है, वहीं अब फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की एशिया इकाई ने पाकिस्तान का नाम आतंकी ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत और बदतर होगी. FATF ने पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को मिल रहे वित्तपोषण के खिलाफ कारगर कदम न उठाये जाने के कारण पाकिस्तान का नाम ब्लैक लिस्ट में डाला है.
FATF द्वारा पाकिस्तान का नाम ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर भारतीय अधिकारियों ने कहा कि वैश्विक मानदंडों को पूरा नहीं करने के लिए पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है. अधिकारियों ने कहा कि एफएटीएफ ने पाया कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों के वित्तपोषण से जुड़े 40 मानदंडों में से 32 को पाकिस्तान ने पूरा नहीं किया. इसको देखते हुए एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है.
ब्लैक लिस्टेड होने का पाकिस्तान पर असर
बता दें कि एफएटीएफ की ओर से ब्लैकलिस्ट किए जाने का मतलब होता है कि संबंधित देश मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनैंसिंग के खिलाफ जंग में सहयोग नहीं कर रहा है। यदि पाक को ब्लैक लिस्ट किया जाता है तो फिर उसे वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ, एडीबी, यूरोपियन यूनियन जैसी संस्थाओं से कर्ज मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा मूडीज, स्टैंडर्ड ऐंड पूअर और फिच जैसी एजेंसियां उसकी रेटिंग भी घटा सकती हैं। एफएटीएफ वर्ष 2000 से ब्लैक लिस्ट जारी करता है।