नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन और घाटी से धारा 370 को खत्म करने संबंधित विधेयक के दोनों सदनों से पास होने के बाद आज पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में जहाँ पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास कार्यों को गति देने की प्रतिबद्धता दुहारी, वहीँ उन्होंने आम जनमानस से नए कश्मीर के निर्माण के लिए एकजुट होकर प्रयास करने अपील की। पीएम मोदी ने फैसले का विरोध करने वालों से भी घाटी को नया रूप देने के लिए सरकार की मदद की अपील की। साथ ही पीएम मोदी ने बताया कि आखिर क्यों घाटी से धारा 370 को खत्म करने का फैसला लिया गया और ये क्यों जरुरी था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है। किसी भी दल की सरकार हो, किसी भी गठबंधन की सरकार हो, ये कार्य निरंतर चलता रहता है। कानून बनाते समय काफी बहस होती है, चिंतन-मनन होता है, उसकी आवश्यकता को लेकर गंभीर पक्ष रखे जाते हैं। इस प्रक्रिया से गुजरकर जो कानून बनता है, वो पूरे देश के लोगों का भला करता है, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों। धारा 370 को जम्मू-कश्मीर से खत्म करने का फैसला इसलिए जरुरी था, ताकि लोगों की बेहतरी के लिए बने कानून का लाभ देश के अन्य भागों के साथ घाटी के लोगों को भी मिले।
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पीएम मोदी ने कहा कि सफाई कर्मचारी एक्ट, दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून, अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट, श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए मिनीमम वेगेज एक्ट जैसे कई कानून, जो कर्मचारियों अऊर आम लोगों की बेहतरी के लिए बनाये गए हैं, वो जम्मू-कश्मीर में लागु ही नहीं होते थे, जिसके कारण लोगों की दशा में दशकों बीत जाने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। यही वजह है कि सरकार ने घाटी से धारा 370 को खत्म करने का फैसला लिया।