नई दिल्ली : लोकसभा में आज जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर तीखी बहस देखने को मिली। सत्ता पक्ष के नेताओं जहाँ कांग्रेस पर जम्मू-कश्मीर की बदहाली का ठीकरा फोड़ा, वहीँ जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने के सरकार के फैसले की प्रशंसा की। वहीँ विपक्ष की तरफ से भी जोरदार बहस देखने को मिली। लेकिन इन सबके बीच ध्यान खींचा, लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने, जिन्होंने अपने भाषण से कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार जम्मू-कश्मीर की पूर्ववर्ती सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया।
जामयांग शेरिंग नामग्याल ने कहा कि 71 साल तक लद्दाख को बिलकुल नहीं अपनाया गया। हम लोगों ने पहले कहा था कि हमें जम्मू-कश्मीर के साथ नहीं रखा जाए, किन्तु हमारी सुनवाई नहीं हुई, जिससे हमारा विकास नहीं हुआ। मैं करगिल से आता हूँ और मैं गर्व से कहता हूँ कि हमने UT के लिए वोट किया। वहीं, इसके अलावा उन्होंने पूर्व की UPA सरकार पर भी हमला बोला।
नामग्याल ने कहा कि इस निर्णय से क्या नुकसान होगा? सिर्फ दो परिवार रोजी-रोटी खोएंगे और कश्मीर का भविष्य उज्जवल होने वाला है। उन्होंने लद्दाख को UT बनाने के फैसले पर भी खुशी जताई और उसका समर्थन करने की बात कही। नामग्याल ने कहा कि UPA ने साल 2011 में कश्मीर को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय दिया, जम्मू लड़ा और केंद्रीय विश्वविद्यालय हासिल किया। मैं छात्र यूनियन का लीडर था। हमने लद्दाख के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग की थी लेकिन हमें कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं दिया गया। पीएम मोदी ने हाल ही में हमें विद्यालय दिया। मोदी है तो मुम्किन है।
जामयांग शेरिंग नामग्याल के जोरदार भाषण के अमित शाह भी मुरीद हो गए और भाषण के बीच कई बार मेज थपथपाकर युवा सांसद का हौसला बढ़ाया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी कहा कि लद्दाख जैसे बड़े संसदीय क्षेत्र से चुनकर आने वाले जामयांग शेरिंग नामग्याल जब कभी भी बोलते है, सारगर्भित बातें बोलते हैं, ऐसे में सदन के सदस्यों को भी ऐसे युवा सांसदों का हौसला-अफ़ज़ाई करना चाहिए।