नई दिल्ली : जरा सोचिए, आप किसी एयरपोर्ट को क्यों याद रखेगें ? शायद इसलिए कि आपको उस एयरपोर्ट पर लंबी कतार में लगना पड़े, या फिर आपको खाने-पीने का सामान महंगा मिला हो या फिर फ़्लाइट में हुई देरी हुई हो। शायद इसलिए तो कोई किसी एयरपोर्ट को याद नही रखेगा। आइये हम आपको बताते हैं एक ऐसे एयरपोर्ट के बारे, जो ज्वार-भाटा आने पर बंद हो जाता है।
जी हाँ, ऐसा एयरपोर्ट है स्कॉटलैंड का बारा एयरपोर्ट। इस एयरपोर्ट की खास बात ये है कि समुद्र में ज्वार-भाटा आने पर यह एयरपोर्ट पानी में डूब जाता है। दरअसल एयरपोर्ट इसलिए भी खास है क्योकि यहां उड़ानों का समय समुद्री तूफ़ानों के समय से प्रभावित होता है। स्कॉटलैंड के बारा द्वीप पर समुद्र की लहरें हवाई परिवहन को तय करती हैं। आपको बता दें कि ज्वारभाटे का पानी आने से उत्तरी अटलांटिक में स्थित हवाई पट्टी डूब जाती है और यही वजह है कि यहां जहाज का उतरना खतरे से खाली नहीं होता। वही इस द्वीप पर और कोई दूसरा एयरपोर्ट भी नहीं है।
बारा दुनिया का अकेला एयरपोर्ट है, जहां शेड्यूल फ्लाइट्स लैंड करती हैं। ये ग्लासगो एयरपोर्ट से भी जुड़ा हुआ है। समुद्री तूफान की आने पर एयरपोर्ट बंद कर दिया जाता है और उड़ानें रद्द कर दी जाती हैं। बारा एयरपोर्ट पर ज्यादातर छोटे विमान यानि कि 20 सीटर फ्लाइट ही लैंड करती हैं। यहां रोजाना स्कॉटिश एयरलाइन की दो फ्लाइट्स पहुंचती हैं। आपको बता दें कि यहां किसी तरह की कोई हवाई पट्टी नहीं है। एयरक्राफ्ट रेत पर ही लैंड करता है। बीच के किनारे एक छोटी सी बिल्डिंग बनाई गई है, जिसे टर्मिनल कहा जा सकता हैं।
बात अगर बारा एयरपोर्ट के इतिहास की करें, तो इस एयरपोर्ट का निर्माण 1936 में किया गया था और आधिकारिक तौर पर 7 अगस्त, 1936 को एयरपोर्ट खोला गया, जो कि बारा द्वीप के निवासियों के लिए एक प्रवेश द्वार था, जिन्हें समुद्री यात्रा के लिए एक विकल्प की आवश्यकता थी। प्रसिद्ध स्कॉटिश एयरलाइन, लोगानैर ने अक्टूबर 1974 में बारा द्वीप के लिए उड़ान शुरू की थी।