नई दिल्ली- साल 2019 के पहले दिन पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल का पहला इंटरव्यू न्यूज एजेंसी एएनआई को दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने राम मंदिर पर बोलते हुए कहा कि कानून प्रकिया के बाद ही अध्यादेश पर विचार किया जाएगा। राम मंदिर पर पीएम मोदी के इस बड़े बयान के बाद राष्ट्रीय स्वयं संघ ने ट्वीट करते कर लिखा कि हमें लगता है कि प्रधानमंत्री का बयान मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
हमें आज का प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम लगता है।प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह भाजपा के पालमपुर अधिवेशन(1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है।
— RSS (@RSSorg) January 1, 2019
‘पीएम का सकारात्मक कदम’
प्रधानमंत्री ने अपने साक्षात्कार में अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर के निर्माण का संकल्प दोहराया और 1989 में पालमपुर में भाजपा द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुरूप है। उन्होंने यह भी लिखा कि इस प्रस्ताव में भाजपा ने कहा था कि वे दो समुदायों के बीच आपसी संवाद के माध्यम से या आवश्यक कानून को सक्षम करके अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण करने का प्रयास करेंगे।
इस प्रस्ताव में भाजपा ने कहा था की अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए परस्पर संवाद से अथवा सुयोग्य क़ानून बनाने (enabling legislation) का प्रयास करेंगे।
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‘वादे को पूरा करे सरकार’
यहां तक कि 2014 में श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तैयार किए गए चुनाव घोषणापत्र में, भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की सुविधा के लिए संविधान के ढांचे के भीतर सभी संभावनाओं का पता लगाने का वादा किया था। भारत के लोगों ने पूर्ण विश्वास को दोहराया और भाजपा को पूर्ण जनादेश दिया। भरत के लोग इस सरकार से इस कार्यकाल के दौरान उसी वादे को पूरा करने की उम्मीद करते हैं।
श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभाव्य प्रयास करने का वादा किया है। भारत की जनता ने उनपर विश्वास व्यक्त कर भाजपा को बहुमत दिया है।
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‘कानून से मंदिर निर्माण’
बता दें कि बीजेपी के सहयोगी संगठन और हिंदूवादी संगठन केंद्र सरकार पर लगातार संसद में अध्यादेश लाकर राम मंदिर का निर्माण कराया जाए, लेकिन मंगलवार को हिंदी न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में पीएम ने साफ कर दिया कि मंदिर का निर्माण संविधान के तहत किया जाएगा।