नई दिल्ली : अगर आप को पता चले कि ये ज़िन्दगी कुछ सालों की है या कुछ महीनो की या सिर्फ कुछ ही दिनों की। क्या आपने कभी सोचा है? मैंने भी नहीं ! हम ज़िन्दगी के भाग दौड़ में इतना बिज़ी हो जाते है और सही तरीक़े से अपनी ज़िन्दगी को जीना भूल जाते है हम लोग ये भी भूल जाते है कि ये ज़िन्दगी सिर्फ एक बार मिलती है और यहाँ से जाने के बाद अपना परिवार, अपने दोस्त, अपनी यादें कुछ याद नहीं रहता।
ज़िन्दगी एक सफर है। इस सफर को जितना अच्छा बनना सकते हो उससे बनाओ क्योकि हम लोग की जिन्दंगी कब तक है किसी को पता नहीं। और कभी-कभी कुछ लोगों के साथ जिंदगी भद्दा मजाक भी करती है। किसी को खो देना कभी आसान नहीं होता। किसी को बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करना, अपना जीवन उसपर कुर्बान कर देना और फिर भी उसे खो देना तो बिल्कुल भी नहीं। ऐसी ही असल ज़िन्दगी पर आधारित फिल्म ‘द स्काई इज पिंक ‘आज यानि की 11 अक्टूबर को रीलीज़ हो गई है।
इस फिल्म में जिंदगी की जंग और उसमें सबकुछ गवां कर भी जीने की कहानी है। प्रियंका चोपड़ा की फिल्म ‘द स्काई इज पिंक ‘ फिल्म की कहानी एक लड़की और उसके परिवार के बारे में है। उस लड़की का नाम आयशा चौधरी (जायरा वसीम) है , जो पैदा होने के बाद से ही Severe Combined Immunodeficiency जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है इसका मतलब है कि आयशा की बॉडी में इम्यून सिस्टम है ही नहीं, वो बहुत जल्दी एलर्जी पकड़ सकती है और जभी वो भीड़ में नहीं जा सकती। अगर उसने कोई भी बैक्टीरिया पकड़ लिया तो बहुत जल्दी वो बहुत बीमार हो जाएगी।
आगे चलकर उसको पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की फेफड़ों की बीमारी भी हो जाती है, जो लाइलाज है। आयशा के मां-बाप निरेन चौधरी (फरहान अख्तर) और अदिति चौधरी (प्रियंका चोपड़ा) उसके पैदा होने के बाद से ही उसे दिल्ली के हर डॉक्टर को दिखा चुके होते है लेकिन उसे कोई फ़ायदा नहीं होता। फिर आगे जाकर उन्हें लंदन में बेटी का इलाज करवाना पड़ता है अदिति और निरेन के पास पैसे नहीं होते और उनकी बच्ची की जिंदगी खतरे में रहती है अदिति का बड़ा भाई ईशान (रोहित सराफ) बचपन से सोच रहा है कि उसे अपनी बहन की जान बचाना है। हम सोचते है कि पैसा सब कुछ दे सकता है लेकिन ऐसा नहीं है पैसा सब कुछ दे सकता है लेकिन जान वापस नहीं ला सकता लेकिन फिर भी पैसा लगा कर हम जान बचने की कोशिश तो करते ही है। ऐसे ही इस फिल्म में निरेन और अदिति ने दिन-रात काम करके पैसे कमाए और अपनी बेटी के इलाज में लगा दिए उसका अंजाम क्या था ये तो फिल्म देखने के बाद पता चलेगा। परफॉर्मेंस की बात करें तो प्रियंका चोपड़ा का ये बॉलीवुड कमबैक अच्छा है।
ये फिल्म काफी इमोशनल और खूबसूरत है। एक लड़की जो बहादुर और बेहद जिद्दी है, आगे चलकर ये कभी हार ना मानने वाली मां बनती है। वो मां, जो अपनी बेटी की जिंदगी बचाने और उसे एक और दिन जिंदा देखने के लिए अपने पूरी जान लगा देती है। अदिति चौधरी के किरदार में प्रियंका चोपड़ा की परफॉरमेंस बहुत ही शानदार है। फरहान अख्तर, आयशा के पिता निरेन चौधरी के किरदार में हैं। फरहान की एक्टिंग अलग ही होती है। जब वो पर्दे पर होते हैं, तो और कोई नहीं होता। एक पिता जो हमेशा से परेशान है, दूसरे देश जाकर अपनी बच्ची के इलाज के लिए दर-दर पैसे मांगता फिर रहता है, एक पिता दर्द में होता है लेकिन वो किसी को बता नहीं सकता। और वो भी अपनी बच्ची को बचने के लिए दिन रात पैसे जुटाने में लगा है।
हम सबके पापा भी कुछ ऐसे ही तो होते है न, हमारे लिए सब कुछ करने वाले और अपने दुख को छुपा कर रखने वाले। वो आपको स्ट्रॉन्ग रहने को कहते हैं। वो खुद भले ही अंदर से कितने भी कमजोर हों। फिल्म में फरहान और प्रियंका का परफॉर्मेंस बहुत अच्छा किया हैं। आपको कुछ सीन्स में फरहान जबरदस्त लगते हैं तो कुछ में प्रियंका।इस फिल्म में आपको ज़िन्दगी की अहमियत का पता चलेगा।
By : Sumbul Fatima