नई दिल्ली : हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार रावण को असुर कहा जाता है, जिसका भगवान राम ने अपने हाथों से वध किया था। रावण को एक अहंकारी राक्षस कहा जाता है, जिसने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर निर्दोष लोगों को खूब सताया। हिन्दू धर्म के पौराणिक ग्रन्थ रामायण में राम-रावण के बीच हुए युद्ध का विवरण है, और इसे के मुताबिक हर साल दशहरे पर रावण का पुतला दहन किया जाता है, लेकिन भारत में ही एक ऐसा गांव है, जहाँ के लोग अपनी गाड़ियों पर ‘जय लंकेश’ लिखवाते हैं, क्योंकि इस गांव का नाम ‘रावण’ है।
जी हाँ, रावण नाम का गांव मध्य-प्रदेश के विदिशा में है। यहाँ के लोग न सिर्फ अपनी गाड़ियों पर ‘जय लंकेश’ लिखवाते हैं, बल्कि रावण को अपना आराध्य भी मानते हैं और रावण की भक्ति भाव से पूजा-अर्चना भी करते हैं। यहाँ रावण का एक मंदिर भी है, जहाँ लोग किसी शुभ कार्य को करने से पहले पहुँचते हैं और विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। रावण बब्बा नाम का ये मंदिर इलाके में ख़ासा प्रसिद्द भी है।
एक तरफ जहाँ रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है, वहीँ दूसरी तरफ राम के इस देश में रावण को भी भक्ति भाव से पूजा है। रावण गांव में लंकेश की पूजा अपने आप में अद्भुत तो है ही, साथ ही ये भारतीय संस्कृति की गहराई को भी प्रदर्शित करती है, जिसमें असुरों को भी उनकी अच्छाई के लिए पूजे जाने का रिवाज़ है। वैसे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव का बड़ा भक्त था और उसने अपनी तपस्या से शिव को प्रसन्न भी किया था।