Golden Temple Bomb Threat : पंजाब के अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) को बम से उड़ाने की धमकियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। बीते 6 दिनों में 8वीं बार धमकी भरे इमेल आने से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और पूरे परिसर की निगरानी बढ़ा दी गई हैं। गोल्डन टेंपल के अंदर भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी टॉस्क फोर्स मुस्तैद हैं। दरअसल, बीते कुछ दिनों से गोल्डन टेंपल को बम से उड़ाने की लगातार धमकियां मिल रही हैं। इससे पहले 15 जुलाई को एक और ईमेल आया था इसमें भी इसी तरह की धमकी आई थी। पहला ईमेल केरल के मुख्यमंत्री की फेक ईमेल आईडी से भेजा गया था। अभी तक 8 धमकी भरे ईमेल आ चुके हैं। इन ईमेल के बाद से पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां के कान खड़े हैं।
गिरफ्तारी के बावजूद नहीं थम रही धमकी
ताजा ईमेल शुक्रवार की आधी रात भेजा गया। इसमें धमकी दी गई है कि गोल्डन टेंपल को बम से उड़ाया जाएगा. हैरानी की बात यह है कि पहली धमकी वाली ईमेल केरल के मुख्यमंत्री की फर्जी आईडी से भेजी गई थी, जो जांच एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसके बाद भी धमकियां रुकने का नाम नहीं ले रहीं। पंजाब पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। तो वही साइबर क्राइम सेल की टीम धमकी भरे ईमेल भेजने वाले का पता लगाने में जुटी हैं, लेकिन अब तक भेजने वाले की पहचान करने में असफल है, जबकि पुलिस ने पहले इस मामले में 24 वर्षीय शुभम दूबे को गिरफ्तार किया था, जो पहले दो कंपनियों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर चुका हैं, लेकिन फिलहाल बेरोज़गार हैं। पुलिस ने बताया कि कुछ तकनीकी सबूत मिलने के बाद शुभम को हिरासत में लिया गया था। हांलाकि उसके खिलाफ पुख्ता सबूतो की तालाश जारी हैं।
डार्क वेब और फर्जी आईडी का इस्तेमाल
पुलिस की साइबर जांच में सामने यह आया की धमकी भरे ई-मेल डार्क वेब की मदद से भेजे गए और तमिलनाडु के पूर्व नेता के फर्जी आईडी से भेजे जा रहे थे। कुछ ई-मेल आउट-लुक से 16 जुलाई को भेजे गए थे। यह मेल दिल्ली के स्कूलों, अदालतों और अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों तक को भी भेजे गए थे।
शुभम अकेला या किसी साजिश का हिस्सा
जांच एजेंसिया यह पता लगाने में जुटी हैं कि शुभम दूबे अकेला साइबर अपराधी था या कोई अंतर्राष्ट्रीय साजिश काम कर रही हैं। पुलिस ने कहा शुभम से पूछताछ के दौरान कुछ अहम सुराग मिलने की संभावना हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की आपात बैठक
धमकी की गंभीरता को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलाई जिसमें डीजीपी गौरव यादव सहित शीर्ष पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि “गोल्डन टेंपल जैसे पवित्र स्थल की सुरक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
जत्थेदारों का सरकार पर सवाल
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने राज्य और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक और संसाधनों के होते हुए भी अब तक असली दोषी का पता न चल पाना गंभीर चिंता का विषय है। जत्थेदार ने मांग की कि दोषी को जल्द से जल्द खालसा पंथ के समक्ष पेश किया जाए और धमकी देने के पीछे की मंशा की गहन जांच की जाए। उन्होंने जोर दिया कि गोल्डन टेंपल न सिर्फ सिखों बल्कि पूरी मानवता का साझा आध्यात्मिक स्थल है, जहां हर दिन हजारों श्रद्धालु मत्था टेकने आते हैं।
SGPC ने जताई गहरी चिंता
SGPC के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने इस पूरे घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चिंता जताई और कहा कि यह सिर्फ शरारत नहीं ,किसी कि बढ़ी साजिश का हिस्सा भी हो सकती हैं। उन्होंने सरकार से गहराई से जांच करने की मांग की हैं।