Delhi AIIMS: हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ते जा रहे हैं। वहीं कम उम्र के लोगों को भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होने लगा है। बता दें कि, एक खबर आयी थी कि एक 30 साल व्यक्ति अचानक गिर गए और उनकी मौत हो गयी। इतनी कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने की क्या वजह हो सकती है।
की गयी रिसर्च जिसमें यह सामने आया
दिल्ली AIIMS की रिसर्च के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद हार्ट अर्टक के बढ़ते मामलों का कारण धमनियों का सेंसर है, जो दिल और दिमाग को सही तरीके से सिग्नल नहीं पहुंचा पा रहा है। जब दिमाग को सिग्नल नहीं मिलते तो शरीर सही तरीके से काम नहीं कर पाता। दिल पर दबाव पड़ने से धड़कनों में तेजी से बदलाव आता है। कई लोगों को चक्कर आने की शिकायत हुई, जिससे हार्ट फेल होने के चांस बढ़े। रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्च करीब 110 मरीजों पर की गई, जिसमें 57 मरीज ऐसे थे, जो कोरोना से ग्रस्त रह चुके थे। इन्हें कोई दूसरी बीमारी भी नहीं थी। 3 से 6 महीने क्वारंटीन रहने से वे ठीक भी हो गए थे। वहीं 110 में से 53 मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री कोविड-19 से पहले की थी। रिसर्च के दौरान दोनों तरह के मरीजों का मिलान किया गया।
दिल्ली एम्स के डॉक्टर ने क्या कहा
“दिल्ली AIIMS के डॉक्टर डीनू एस चंद्रन ने कहा कि कोरोना ने बैरोफ्लेक्स पर असर डाला, जो दिमाग को सिग्नल देता है, लेकिन सिग्नल नहीं मिलने से दिल अच्छे से काम नहीं कर पाता। इससे बैचैनी रहती है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है। चक्कर आने लगते हैं, जबकि बैरोफ्लेक्स शरीर के रक्तचाप को स्थिर बनाए रखता है, लेकिन कोरोना ने इस पर असर डाला, जबकि बैरोफ्लेक्स शरीर में होने वाली हर हरकत की सूचना दिमाग तक पहुंचाता है। AIIMS के मेडिसिन, शरीर क्रिया विज्ञान विभाग सहित अन्य विभाग के डॉक्टरों ने स्टडी की।”