इसरो ने एक ट्वीट के माध्यम से बताया हैं कि 14 जुलाई के दिन इसरो द्वारा चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जा रहा हैं, इसी खुशी में इसरो का एक वैज्ञानिक दल तिरुपति मंदिर में इसरो का एक छोटा मॉड़ल लेकर पुजा अर्चना करने के लिए पहुंचा, ताकि यह चंद्रयान-3 मिशन सफल हो सके. वहीं इसरो की अब तक सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, अगर यह मिशन सफल हो जाता हैं तो भारत भी उन चार देशों की लिस्ट में अपना स्थान बना लेगा, जिन्होंने अब तक कुशलता पूर्वक ऐसे लक्ष्य को प्राप्त किया है.
आखिर कब लॉन्च होगा चंद्रयान-3
इसरो द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार को चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से लॉन्च किया जाएगा, जिसका समय दोपहर 2:35 मिनट बताया गया है.
क्या है लैंड़र का नाम
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है, कि इस बार भी लैंड़र नाम विक्रम ही रखा गया हैं क्योकिं 2018 में चंद्रयान-2 किसी तकनीकि वजह से असफल हो गया था. जिस कारण सभी वैज्ञानिकों को बहुत ज्यादा दुख हुआ था.आपको बता दें कि लैंड़र का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जन्मदाता विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है और इसके रोवर का नाम प्रज्ञान रखा गया है.
कब होगी विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग
आपको बता दें कि विक्रम की लैंड़िग 23 से 24 अगस्त के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है, और वहीं रोवर प्रज्ञान द्वारा चंद्रमा की सतह का अध्ययन किया जाएगा, आपको दें कि इस बार का यह मिशन सिर्फ 14 दिनों का होने वाला है.
कहां पर होगी विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग
बताया गया है कि इस बार चंद्रयान-3 को पुरी तैयारी व सुरक्षा के साथ और पहले से भी अधिक ईंधन के साथ चांद पर भेजा जा रहा है वहीं इसरो ने जानकारी देते हुए कहा है कि इस बार एक “विफलता-आधारित डिज़ाइन” का विकल्प चुना गया है, जिसमें यह तय किया जा सकेगा कि अगर कोई चूक होती भी है तो भी विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग करवाई जा सकेगी और बताया जा रहा हैं कि अब तक जितने भी देशों ने चंद्रमा पर अपने यान लैंड करवाऐं है, उन सभी की लैंडिंग उत्तरी ध्रुव पर हुई है, वहीं ISRO का चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान होगा.