जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में हवा की क्वालिटी में सुधार नहीं हो रहा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों को ही एक्शन लेने को कहा है। SC ने प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए कहा कि, वे किसानों के पराली जलाने पर विवाद करना बंद करें। यह कोई नहीं समझना चाहता कि किसानों को पराली क्यों जलानी पड़ती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, किसी भी स्रोत से ज्यादा प्रदूषण टीवी चैनलों पर होने वाली बहस-बाजी से फैलता है। वहां हर किसी का कोई न कोई एजेंडा है। हम यहां हल ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।
Delhi Pollution: SC से दिल्ली सरकार- हम तैयार, लॉकडाउन पूरे दिल्ली-एनसीआर मे लगे
दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि AQI बुधवार को 379 दर्ज किया गया। जो गंभीर श्रेणी में आता है। सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण के मसले पर केंद्र और दिल्ली सरकार से एक्शन प्लान मांग चुका है। सुनवाई में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच पराली जलने का लेकर आरोप-प्रत्यारोप पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि, सरकार अगर पराली जलाने को लेकर किसानों से बात करना चाहती है तो बेशक करे, लेकिन हम किसानों पर कोई जुर्माना नहीं लगाना चाहते। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकारों से कहा कि वे किसानों के पराली जलाने पर विवाद करना बंद करें। मामले में अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।
‘मिलकर दूर करें ये समस्या’
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि, मेरे पास एक रिपोर्ट है जिसमें लिखा है कि पटाखों का कोई योगदान नहीं है, तो क्या इस रिपोर्ट को मान लें। ऐसी तमाम रिपोर्ट आती हैं कि किसकी गलती है और किसकी नहीं, लेकिन ये वक्त यह सब देखने का नहीं है। यह वक्त है पॉल्यूशन की समस्या को मिलकर दूर करने का।
वाहनों की आवाजाही से फर्क नहीं पड़ेगा- केंद्र
इस मामले में केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करके बताया कि वे केंद्रीय कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम नहीं करा सकते। इसके साथ ही यह भी बताया कि केंद्र सरकार जितने वाहनों का इस्तेमाल करती है, वह दिल्ली-NCR के कुल वाहनों का एक बहुत छोटा हिस्सा है। इन वाहनों की आवाजाही रोकने से वायु प्रदूषण में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।