जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान कृष्ण का जन्मदिवस मनाया जाता है जिसे ‘जन्माष्टमी’ कहा जाता है। इस त्योहार को देश के हर कोने में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है और इस दिन व्रत करते समय कुछ खास बातों को ध्यान में रखना चाहिए। आइए जानते हैं जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए और क्यों?
क्या करना चाहिए
- जन्माष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि कर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए कि ईमानदारी व पूरा श्रद्धा के साथ व्रत करेंगे।
- जन्माष्टमी के दिन व्रत कर रहे हैं तो दिनभर भगवान कृष्ण का नाम जपते रहें और रात के समय भजन-कीर्तन करें।
- इस दिन व्रत करते समय दिन में केवल फलों का ही सेवन करना चाहिए। ध्यान रखें कि जन्माष्टमी के दिन सूर्यास्त होने के बाद जल ग्रहण निषेध होता है। हालांकि, गर्भवती महिला या बीमार व्यक्ति अपनी हेल्थ के अनुसार फल व जल ग्रहण करें।
- जन्माष्टमी के दिन जरूरतमंदों को दान दें। साथ ही कोशिश करें कि इस दिन गायों को चारा खिलाना और उनकी सेवा करना बेहद ही शुभ माना जाता है। क्योंकि भगवान कृष्ण को गाय अतिप्रिय हैं और उनकी सेवा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं।
क्या नहीं करना चाहिए
- जन्माष्टमी के दिन यदि घर में लड्डू गोपाल का भोग बना रहे हैं तो घर में लहसुन-प्याज का सेवन करना वर्जित होता है।
- इस दिन मांसाहारी भोजन और मदिरा का सेवन करने की सख्त मनाही होती है।
- जन्माष्टमी के दिन व्रत का भोजन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि बर्तन बिल्कुल साफ और शुद्ध होने चाहिए।
- जन्माष्टमी के दिन गलती से भी किसी गाय को नहीं सताना चाहिए। ध्यान रखें कि इस दिन किसी गरीब को भी परेशान न करें।
- जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित होता है लेकिन पूजा में इनका उपयोग किया जाता है इसलिए एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें।