Qatar: इंडियन नेवी के 8 पूर्व कर्मचारियों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। ये सभी आठ भारतीय नागरिक अल दाहरा कंपनी के कर्मचारी हैं जिन्हें पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था। भारत ने इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा है कि इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। दूसरी तरफ इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमाने लगी है। विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे सरकार की नाकामी करार दिया है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक्स पर किया पोस्ट
“नीचे 7 दिसंबर 2022 को 👇🏾मैंने लोकसभा में कतर में आठ सेवानिवृत्त वरिष्ठ नौसेना कर्मियों की हिरासत का मुद्दा उठाया था। तब वे 120 दिनों तक एकान्त कारावास में रहे थे। मैं इस मुद्दे को संसद के अंदर और बाहर बार-बार उठाता रहा। आज हमें पता चला कि सभी 08 को मौत की सज़ा सुनाई गई है। उनके परिवारों को कभी यह नहीं बताया गया कि उन पर क्या आरोप हैं। मुझे बताया गया है कि उनके बचाव के लिए नियुक्त वकील भी परिवारों के साथ टाल-मटोल कर रहा है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। त्रासदी है @MEAIndia&@DrSजयशंकर परिवार के सदस्यों, पूर्व सैनिक लीग और यहां तक कि संसद सदस्यों की विनती को भी कभी गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि यह कोई ऐसा मामला नहीं है जिसमें हमें शामिल होने की जरूरत है या 08 बहुत वरिष्ठ नौसैनिकों का जीवन दांव पर है। @PMOIndia
इसे कतर सरकार के साथ उच्चतम स्तर पर उठाना चाहिए और हमारे पूर्व नौसेना अधिकारियों की सजा को तुरंत कम करवाकर उन्हें घर वापस लाना चाहिए।”
On 7 th December 2022 below 👇🏾 I had raised the issue of the detention of eight retired senior Navy personnel in Qatar in the Lok Sabha . They had then been then in solitary confinement for 120 days.
I repeatedly kept raising this issue both inside and outside Parliament.… https://t.co/OtDO9P5Ils
— Manish Tewari (@ManishTewari) October 26, 2023
ओवैसी ने भी घेरा पीएम मोदी को
एआईएमआईएम सांसद ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘अगस्त में मैंने कतर में फंसे पूर्व नौसेना अधिकारियों का मुद्दा उठाया था। आज उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है। नरेंद्र मोदी शेखी बघार चुके हैं कि इस्लामी देश उनसे कितना प्यार करते हैं। उन्हें हमारे पूर्व नौसेना अधिकारियों को वापस लाना होगा। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें मृत्युदंड का सामना करना पड़ा।’
In August, I had raised the issue of our ex-naval officers stuck in #Qatar. Today they have been sentenced to death. @narendramodi has boasted about how much “Islamic countries” love him. He must bring our ex-naval officers back. It’s very unfortunate that they face the death row pic.twitter.com/qvmIff9Tbk
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 26, 2023
विदेश मंत्रालय का बयान जारी कर कहा
“हम सभी अधिकारियों के परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं। साथ ही कानूनी विकल्प भी तलाश रहे हैं. मामले को हम काफी महत्वपूर्ण मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। अधिकारियों को कॉन्सुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे।”
Just in: Qatar hands the death sentence to 8 ex Indian sailors in its custody; India says “shocked”, in touch with family members and the legal team. MEA response: pic.twitter.com/zVv7k09Qsp
— Sidhant Sibal (@sidhant) October 26, 2023
क्या है पूरा माजरा?
कतर ने 8 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है, वो सभी भारतीय नौसेना में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। गिरफ्तार किए गए पूर्व अधिकारियों के नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश हैं। सभी डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। ये एक प्राइवेट कंपनी है, जो कतरी सेना के जवानों को ट्रेनिंग और इससे जुड़ी मदद प्रदान करती है। सभी पूर्व अधिकारियों को कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ‘स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो’ ने पिछले साल 30 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था। उन पर जासूसी के आरोप लगाए गए। भारतीय दूतावास को सभी की गिरफ्तारी की जानकारी सितंबर महीने में मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार किए गए अधिकारियों को 30 सितंबर 2022 को अपने परिवार के लोगों से बात करने की इजाजत मिली। मामले में पहला कॉन्सुलर एक्सेस 3 अक्टूबर को दिया गया। इसमें भारतीय दूतावास का एक अधिकारी गिरफ्तार किए गए लोगों से जाकर मिला। इसके बाद से सभी अधिकारियों को हफ्ते में एक बार अपने परिवार से बात करने की इजाजत दी गई।
इस मामले में डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के मालिक की भी गिरफ्तारी हुई थी। वो ओमान का नागरिक बताया गया है और रॉयल ओमानी एयर फोर्स का रिटायर्ड अधिकारी है। उसे नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया था। समाचार एजेंसियों ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की ओर से फंसाए जाने की आशंका है।