नई दिल्ली: Supreme Court: कोरोना से हुई हर मौत को मेडिकल लापरवाही मान कर परिवार को मुआवजा देने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है। कोर्ट ने कहा है कि कोरोना के चलते बड़ी संख्या में मौतें हुईं यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि हर मौत मेडिकल लापरवाही का मामला है। कोरोना से हुई हर मौत को मेडिकल लापरवाही मान कर परिवार को मुआवजा देने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है।
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Supreme Court: कोरोना के चलते बड़ी संख्या में मौतें हुईं
कोर्ट ने कहा है कि कोरोना के चलते बड़ी संख्या में मौतें हुईं यह दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि हर मौत मेडिकल लापरवाही का मामला है। याचिकाकर्ता दीपक राज सिंह की दलील थी कि अधिकतर मौतें ऑक्सीजन की कमी या इलाज की ज़रूरी सुविधा न होने के चलते हुई हैं।
(Supreme Court) ऑक्सीजन और हॉस्पिटल बेड की कमी
स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने कोरोना की दूसरी लहर की आशंका जताई थी। ऑक्सीजन और हॉस्पिटल बेड की कमी की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया था लेकिन सरकार ने उचित तैयारी नहीं की। मामला आज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और हिमा कोहली की बेंच में लगा। जजों ने हर मृत्यु को मेडिकल लापरवाही मानने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक गलत धारणा होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर भविष्य को लेकर उसके कुछ सुझाव हैं, तो वह उन्हें सरकार को सौंप सकता है।
एसोसिएशन नाम की संस्था की तरफ से दाखिल याचिका
यूथ बार एसोसिएशन नाम की संस्था की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि घर-घर टीकाकरण से अभियान में तेज़ी आएगी। कम से कम वृद्ध, दिव्यांग, साधनहीन लोगों और दूसरे ज़रूरतमंदों को घर पर ही वैक्सीन लगाने का निर्देश दिया जाना चाहिए। लेकिन जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस तरह का आदेश देने से मना कर दिया।
इस तरह का दबाव डालना सही नहीं
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि वह सरकार को उनकी मांग पर एक तय समय सीमा में फैसला लेने के लिए कहे। लेकिन कोर्ट ने इससे भी मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार का पूरा अमला पहले ही बहुत विषम परिस्थितियों में काम कर रहा है। उन पर इस तरह का दबाव डालना सही नहीं होगा।