नई दिल्लीः वेब सीरीज तांडव के विवादों में आने के बाद वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ पर भी लोगों ने सवाल उठाये। और कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की. लेकिन अब मिर्ज़ापुर के निर्माता रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर के लिए राहत की खबर मिल रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी पर शुक्रवार को रोक लगा दी. इसके साथ ही अदालत ने उन्हें जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है।

अगली सुनवाई मार्च में-
बता दें की रितेश सिधवानी और अन्य की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति सुभाष चंद की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया और राज्य सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. वही अब इस मामले की अगली सुनवाई मार्च के पहले हफ्ते में होगी।

मिर्जापुर जिले में दर्ज FIR-
दरअसल मिर्जापुर वेब सीरीज के निर्माताओं के खिलाफ प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कोतवाली देहात पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसमें आरोप है कि मिर्जापुर कस्बे को सीरीज में गलत ढंग से दिखाया गया है, जिससे धार्मिक आस्था को चोट पहुंचती है. वेब सीरीज के निर्माताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए, 504, 505 और 34 और आईटी कानून की धारा 67-ए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सिधवानी और दूसरे निर्माता के वकीलों ने दलील दी कि भले ही एफआईआर में लगाए गए सभी आरोपों को सही मान लिया जाए तो भी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता. ऐसा कोई आरोप नहीं है कि इस वेब सीरीज का निर्माण नागरिकों की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से किया गया है।
नही की जाएगी कोई कार्रवाई-
अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा, इस मामले के तथ्यों और पेश की गई दलीलों को देखते हुए सुनवाई की अगली तारीख तक या अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 (2) के तहत पुलिस की रिपोर्ट दाखिल होने तक, जो भी पहले हो, याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी. हालांकि याचिकाकर्ता जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे।