Pahalgam Terror Attack News: पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के ओर से उठाए गए 5-बड़े एक्शन से पाकिस्तान में भी खलबली मच गई है। सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी की बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़े फैसले लिए है, जिसमें सिंधु जल समझौता पर रोक, वीजा रद्द करना, अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे अहम फैसले शामिल हैं। अब इससे घबराकर पाकिस्तान ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।
सिंधु जल समझौते पर रोक
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में भयंकर आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी गई है, यह समझौता 65 साल पहले हुआ था। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था। विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी। पश्चिमी नदियों का पानी पाकिस्तान को और पूर्वी नदियों का पानी भारत को मिला। पाकिस्तान किशनगंगा परियोजना का विरोध कर रहा है। सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर 19 सितंबर 1960 को कराची में हुए थे। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसमें विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी। इस संधि के तहत, तीन पूर्वी नदियों – ब्यास, रावी और सतलुज – का नियंत्रण भारत को दिया गया, जबकि तीन पश्चिमी नदियों – सिंधु, चिनाब और झेलम – का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया। इस संधि पर भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे।
अटारी बॉर्डर होगा बंद
अटारी में एकीकृत सीमा चौकी को बंद करने के बारे में मिस्री ने कहा कि जो लोग वैध प्रमाण-पत्र के साथ सीमा पार गए हैं, वे एक मई से पहले उस मार्ग से लौट सकते हैं। अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा। अटारी बॉर्डर, भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण सीमा पार है, को बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण लिया गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण अटारी बॉर्डर को बंद करने का निर्णय लिया गया है। सीमा पर सुरक्षा चिंताएं बढ़ने के कारण भी अटारी बॉर्डर को बंद किया जा सकता है।
पाकिस्तानियों का वीजा रद्द
पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है।
48 घंटे में पाक नागरिकों को छोड़ना होगा देश
पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और सुरक्षा चिंताओं के कारण लिया गया है। पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय सुरक्षा चिंताओं और भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव के कारण लिया गया है। भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को अपना काम, व्यवसाय और अन्य व्यवस्थाएं छोड़कर देश छोड़ना होगा। इस निर्णय से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पाकिस्तानी नागरिक काम करते हैं या व्यवसाय चलाते हैं। यह निर्णय भारत सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पाकिस्तान के साथ संबंधों को देखते हुए लिया गया है।
पहलगाम आतंकी हमला
पहलगाम में आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित बैसारन घाटी में हुआ। इस हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। हमला दोपहर करीब 2:50 बजे हुआ, जब चार से छह आतंकवादी सैन्य वर्दी में बैसारन घाटी में पहुंचे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी समूह है। अधिकांश पीड़ित भारतीय नागरिक थे, जिनमें से हिंदू नागरिक ही टारगेट थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया है। हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब सरकार जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इस हमले ने न केवल पर्यटकों में भय का माहौल पैदा किया है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला है।