दो महीने में 350 से अधिक हाथियों की मौत
दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर जहां पहले ही कोहराम मचा हुआ है। तो वहीं अब एक चौंकाने वाले खबर सामने आई है। बता दे कि ये खबर अफ्रीकी देश बोत्सवाना से सामने आई है। दरसल इस देश के ओकावांगो डेल्टा में 350 से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है।
बता दे कि अफ्रीका में घटते हाथियों का एक तिहाई हिस्सा बोत्सवाना में मौजूद है। वहीं अब सवाल इस बात पर उठ रहा है कि ऐसा हो क्यों रहा है। क्या वजह है जिसके कारण हाथियों की मौत हो रही है। जबकि सरकार ने लैब टेस्ट कराए हैं। जिसके नतीजे आने में अभी समय है।
वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन स्थित नेशनल पार्क रेस्क्यू के डॉ. मैकेन ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण से जुड़े लोगों ने मई की शुरुआत में ही सरकार को इस संबंध में चेताया था। डेल्टा के ऊपर से उड़ते हुए उन्हें कुछ ऐसा दिखा था जो चिंता में डालने वाला था। वो बताते हैं कि तीन घंटे की उड़ान के दौरान संरक्षण कार्यकर्ताओं को हाथियों के 169 शव दिखाई दिए। एक महीने बाद जब दोबारा परीक्षण और जांच की कई तो ये संख्या बढ़कर 350 हो चुकी थी।
उनके मुताबिक, अगर मान लिया जाए कि इन हाथियों की मौत सूखे के कारण हुई तो भी यह बेहद विचित्र है। डॉ मैकेन के मुताबिक़, मरने वाले सिर्फ़ हाथी हैं और कोई दूसरा जीव नहीं। वो कहते है कि अगर ये अवैध शिकार का मामला होता तो दूसरे जानवर भी मिलते जिनका शिकार हुआ होता लेकिन ऐसा नहीं है।
डॉ मैकेन, एंथ्रेक्स के कारण मौत की आशंका को भी ख़ारिज करते हैं। हालांकि बीते साल बोत्सवाना में इस वजह से कम से कम 100 हाथियों की मौत हो गई थी। वे किसी दूसरे विषाक्त पदार्थ या फिर बीमारी के कारण मौत की आशंका को दरकिनार नहीं करते हैं। मरे हुए ज़्यादातर हाथी मुंह के बल गिरे हुए दिखाई दिए हैं। लेकिन जब तक लैब टेस्ट के नतीजे नहीं आ जाते या फिर कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं मिलती तब तक कुछ भी कहना ग़लत होगा। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि हो सकता है ये किसी बीमारी के कारण हो जो इंसानों से इन जानवरों में आई हो। ख़ासकर जल स्रोतों और मिट्टी के संदर्भ में। डॉ मैकेन ने कहा की फिलहाल टेस्ट के नतीजे आने का इंतजार किया जा रहा है। ताकि इस पर ठोस तौर पर कुछ कहा जा सके।