- यमन में विद्रोहियों का हमला
- विद्रोहियों को रास नहीं आई सैनिकों की नमाज़
- हमले में 70 सैनिकों की मौत
नई दिल्ली- यमन के मारिब प्रांत में हूती विद्रोहियों ने ड्रोन और मिसाइल से हमला (Yemen War) कर दिया। इस हमले में 70 सैनिकों की मौत हो गई विद्रोहियों ने हमला उस वक्त किया जब सैनिक मस्जिद में नमाज़ पढ़ रहे थे। हमले का जवाब देते हुए सउदी अरब समर्थित बलों ने भी विद्रोहियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
यमन के मारिब प्रांत में ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों ने शनिवार शाम ड्रोन और बेलेस्टिक मिलाइल से सैनिक शिविर की मस्जिद पर हमला कर दिया। इस हमले में अब तक 70 जवानों की मौत हो चुकी है। हमला उस वक्त हुआ जब सैनिक शाम की नमाज पढ़ रहे थे।
जिस जगह यह हमला हुआ वो जगह यमन की राजधानी सना से महज 170 किलोमीटर दूर है। हांलाकि इसके जवाब में सऊदी अरब समर्थित बलों ने भी विद्रोहियों के ठिकानों पर जवाबी हमला किया। यमन के राष्ट्रपति अब्दु-रब्बू मंसूर हादी ने इस आतंकी हमले की निंदा की है। कुछ दिनों पहले इसी गुट ने सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको पर भी हमला किया था।
दरअसल सऊदी अरब समर्थित बल हुतियों के इन विद्रोही गुटों पर 5 साल से लगातार हमला (Yemen War) कर रहे है जिसमें अब तक इस विद्रोही समूह के 22 से ज्यादा लोग मारे जा चुके है। संभावनाएं जताई जा रही है कि हुतियों ने इसका बदला लेने के लिए ही यमन पर हमला किया है। साल 2014 से ही सऊदी अरब समर्थित यमन का ईरान समर्थित इस हुती विद्रोही गुट से संघर्ष चल रहा है।
हुतियों ने 2014 में ही यमन की राजनधानी सना समेत कई उत्तरी इलाकों को भी जब्त कर लिया था। जिसके बाद यमन के राष्ट्रपति को सऊदी अरब में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा था। 2014 के बाद से ही यमन और हुतियों के बीच संघर्ष जारी है। तब से लेकर अब तक इस युद्ध में 10 हजार से ज्यादा लोग मौत के घाट उतर चुके है। जबकि 30 लाख से ज्यादा लोगों को इस गृहयुद्ध के कारण विस्थापित होना पड़ा है।
कौन है हुती विद्रोही…?
हुती यमन के उत्तरी इलाके में रहने वाला समुदाय है जो यमन सरकार द्वारा 2004 में अपने नेता हुसैन बद्रहीन अल- यहुती को जेल में डाले जाने के बाद से ही वहां की सरकार और सेना का विरोध कर रहे है। यहूति विद्रोहियों का आतंक पूरे इलाके में लगातार बढ़ता जा रहा है जिसे रोकने के लिए सऊदी की सेना और यमन सरकार की ओर से लगातार कोशिशे की जा रही है।