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इजरायल का एक हमला और हिल गए 57 मुस्लिम देश…इजरायल ने जो कतर पर हमला करके चिंगारी लगाई थी…वो अब ऐसा लग रहा है कि एक बड़ी आग में बदलती जा रही है…कही ऐसा तो नहीं कि इजरायल ने कतर पर हमला करके बहुत बड़ी गलती कर दी हो…कहीं इस गलती ने पूरे इस्लामिक वर्ल्ड को एक तो नहीं कर दिया…क्योकि कतर की राजधानी दोहा में जो मीटिंग बुलाई गई उससे एक संदेश निकला और वो संदेश था कि अकेला नहीं है कतर…तो ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा क्या हुआ उस मीटिंग में जिसने सभी इस्लामिक देशों को एक कर दिया…और क्या ये सभी देश मिलकर इजरायल पर हमला कर देंगे…क्या ये किसी नए युद्ध की शुरूआत है ।
वीओ खुद गाजा में शांति वार्ता कराने की कोशिश कर था…इस हमले के बाद कतर ने दुनिया से मद्द की अपील की…और फिर क्या था पूरा मुस्लिम जगत कतर — आपको याद होगा 9 सितंबर को इजराल ने कतर की राजधानी दोहा पर हमास के अधिकारियों को ठिकाने लगाने के लिए हमला किया था…ये सिर्फ एक हमला नहीं था…ये कतर की संप्रभूता पर सीधा हमला था…और ये साफ कहा था कि इजरायल ऐसे हमले करता रहेगा जब तक कि हमास लीडर्स को कतर या तो पनाह देना छोड़ दे या फिर खुद खत्म कर दे…लेकिन इजरायल के इस हमले ने एक बड़ा फेर बदल कर दिया है…इस एक हमले ने पूरे इस्लामिक वर्ल्ड को हिला दिया है…इस हमले के बाद 50 से ज्यादा मुस्लिम देश इजरायल के खिलाफ एकजुट हो गए हैं…कतर की अपील पर अरब लीग और OIC ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई, जिसमें इजरायल को कड़ा संदेश दिया गया कि कतर अकेला नहीं है…इजरायल पर आरोप लगाए गए कि उसने पीठ में छूरा घोंपने का काम किया है…जब कतर के साथ आकर खड़ा हो गया।
इजरायल पर कड़े आर्थिक और राजनेयिक प्रतिबंध लगाने की मांग हुई,जिसका मतलब साफ है कि अब इजरायल से कई मुस्लिम देश व्यापारिक और कूटनीतिक रिस्तें दोनों को ही तोड़ देंगे,
तो वहीं इस सबके बीच एंट्री हो गई है मिडिल ईस्ट के बॉस कहे जाने वाले सऊदी अरब की और उनके क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान यानी MBS की…उन्होने कतर को एक बलेंक चैक दे दिया है…और इजरायल को सीधा धमकाया है…खुली चेतावनी दे दी है…कतर के लिए एक ऐसा वादा जो पूरे जंग का रुख ही बदल कर रख सकता है…MBS ने ये ऐलान कर दिया है कि कतर…कि हम कतर के साथ बिना किसी लिमिट के खड़े हैं। ये सिर्फ एक बयान नहीं है ये एक संदेश है कि कतर जो भी कदम उठाएगा उसके लिए साउदी अरब हर तरह कि मद्द के लिए खड़ा है…फिर चाहे वो आर्थिक हो,राजनीतिक हो,या फिर कुछ और साउदी अरब कतर के साथ खड़ा है…मतलब इजरायल को ये सीधी धमकी है कि अगर कतर को छूआ भी तो खैर नहीं ।
संयुक्त राष्ट्र में इजरायली डिप्लोमैट डैनी डैनन द्वारा पाकिस्तान पर तीखी टिप्पणी और एक दस्तावेज लहराने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया…इजरायली बयान में कहा गया कि जैसे अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मारा था…वैसे ही इजरायल भी खतरे की स्थिति में कार्रवाई कर सकता है…इसके बाद पाकिस्तान इतना डर गया कि उसको ये सच लगने लगा कि नेतन्याहू उस पर भी हमला कर सकता है…उसने जवाब में इजरायल को परमाणु हमले की धमकी दे दी और मुस्लिम देशों से एक इस्लामिक सेना बनाने की अपील भी की…पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने इजरायल को संयुक्त राष्ट्र से निलंबित करने की मांग भी की…इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि इजरायल पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों और परमाणु खतरे के चलते गंभीरता से ले रहा है और अब सीधा टकराव संभव माना जा रहा है,
दरअसल कतर पर इसरायल के हमले का सीधा मतलब ये है कि इसरायल किसी भी देश पर हमला कर सकता है…और अमेरिका किसी भी देश को धोखा दे सकता है अमेरिका के लिए कतर पाकिस्तान से भी ज्यादा जरूरी है…लेकिन इसके बावजूद अमेरिका की सहमती से ही इसराईल ने कतर में घुस कर हमला किया इस सच्चाई ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया…जिसके बाद उसको लगा कि मुसलिम भाईयों के साथ खड़ा रहना ही सबसे सुरक्षित है…इसी लिए पाकिस्तान ने संयूक्त राष्ट्र में इसरायल को जम कर गालियां दी और कतर के तलवे चाटने शुरू कर दिए…मानो पाकिस्तान कह रहा हो कि हमने अपना काम कर दिया है सर…आगे आप अपना अशिरवाद बना कर रखीएगा
लेकिन एक बात तो तय है कि इजरायल के इस हमले के खिलाफ सभी इस्लामिक देश एक ही मंच पर आ गए है…इजरायल के खिलाफ खड़े है…जिसके बाद मिडिल ईस्ट की राजनीति हमेंशा के लिए बदल सकती है। इजरायल ने कतर पर हमला करके एक ऐसी लाल रेखा को पार कर दिया है…जिसके बाद मिडिल ईस्ट में बहुत बड़े बदलाव देखे जा सकते है…ये सिर्फ कतर की लड़ाई नहीं बल्कि पूरे इस्लामिक जगत की लड़ाई का रुप लेते दिख रही है…अब सवाल उठता है कि क्या ये एकता सिर्फ बयानों तक ही सीमित रहेगी या फिर इस्लामिक वर्ल्ड इजरायल के खिलाफ एक बड़ा युद्ध छेड़ देगा?….और नेतन्याहू इस घेराबंदी का जवाब कैसे देंगे।















