जनतंत्र डेस्क, राजनांदगांव: हमारे देश में कागज की बहुत कीमत है साधारण सा दिखने वाला कागज आपकी जिंदगी को असाधारण बना सकता है। कागज पर नाम की भी अपनी अलग ही थ्योरी है। एक तरफ सरकारी कागजों में आपका नाम आपको कई सुविधाएं दिला सकता है तो कई बार कागजों में नाम से ही आपसे सब कुछ छिन भी सकता है। ऐसा ही कुछ हुआ है छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में रहने वाले बुजुर्ग गैन्दू राम साहू के साथ…
गैन्दू राम राजनांदगांव जिले के अंबागढ़ ब्लॉक के चिखली पंचायत में रहते हैं। लेकिन कई महीनों से गैन्दू राम अपने जिंदा होने के सबूत देने के लिए भटक रहे हैं। पंचायत सचिव की घोर लापरवाही ने जीवित गैन्दू राम को कागजों में मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद बुजुर्ग गैन्दू राम साहू आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। गैन्दू राम को 8 महीने से पेंशन नहीं मिल पा रही। नतीजतन अब उनकी आर्थिक हालत बेहद खराब होती जा रही है। पंचायत सचिव की घोर लापरवाही का खामियाजा गरीब परिवार को भुगतना पड़ रहा है।
ये कागजों की ही कहानी है जिसमें 71 वर्षीय गैन्दू राम को मृत घोषित कर दिया और रोजी रोटी संकट में पड़ गई। जीवित गैन्दू राम को मृत घोषित करने से उन्हें जून 2021 से वृद्धा पेंशन नहीं मिली। गैन्दू राम ने जनपद के संबंधित अधिकारी को अर्जी देकर पेंशन सूची में फिर से नाम जोड़ने और पेंशन चालू करने की गुहार भी लगाई, लेकिन सरकारी सिस्टम…कागजों में बुजुर्ग को मृत कर दिया और अब जिंदा करने के लिए न जाने कितने पापड़ बेलने पर मजबूर करेंगे। या फिर हुक्मरान पीड़ित बुजुर्ग की गुहार सुनेंगे।