नई दिल्ली: चिदंबरम पर INX मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। इस केस में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से कई बार अंतरिम प्रोटेक्शन यानी गिरफ्तारी पर रोक की राहत मिली हुई है।
जानिए पूरा मामला
ये मामला 2007 का है, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे। आरोप है कि INX मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए रिश्वत ली।
पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति से पहले हो चुकी है पूछताछ
इस मामले में सीबीआई और ईडी पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति को गिरफ्तार कर चुकी हैं।वो फिलहाल जमानत पर हैं। इस मामले में अहम मोड़ तब आया, जब इंद्राणी मुखर्जी 4 जुलाई को सरकारी गवाह बन गईं। 2017 में सीबीआई ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज की। जबकि ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। इस मामले में INX मीडिया की मालकिन और आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को इस केस में अप्रूवर बनाया गया और इसी साल उनका स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किया गया सीबीआई के मुताबिक मुखर्जी ने गवाही दी कि उसने कार्ति चिदंबरम को 10 लाख रुपये दिए ।