नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद चुनाव के नतीजों में भाजपा न केवल 75 सीटों को हासिल करने वाली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, बल्कि उसने पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के घटक दलों के कुल वोट से बहुत ज्यादा मत हासिल किया।
बीजेपी के लिए जम्मू कश्मीर के परिणाम सुखद रहे हैं। घाटी में भी बीजेपी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी ने श्रीनगर, पुलवामा और बांदीपोरा में तीन सीटें हासिल की हैं। ये बीजेपी के लिए बड़े बदलाव का संकेत हैं। ये परिणामो से यह साफ दिख रहा है कि अब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा अपना परचम लहराने को उत्साहित है।
चुनाव के नतीजों से गदगद उमरअब्दुल्ला ने कहा कि झूठ और दोषप्रचार से कुछ नहीं होता, सच एक दिन सामने आ ही जाता है। हालांकि, उमर ने ये कबूला है कि कुछ स्थानों पर हमारे संगठन में कमी दिखाई दी है, और उसके नेतृत्व में हम जहां उम्मीद कर रहे थे वहां चुनाव नहीं जीत पाए हैं, वहीं अगर महबूबा मुफ्ती की बात करें तो उनकी पीडीएफपी सिर्फ 27 सीटों पर ही जीती है. ऐसे में इन दोनो ही पार्टियों का बीजेपी की जीत से निराश होना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है।
निदारलीयों के आगे सब फेल-
बता दें कि जिला विकास परिषद अध्यक्ष के चुनाव में निर्दलीय कई जिलों में किंगमेकर की भूमिका में हैं। यानी निर्दयी लोगों को साथ लिए बिना कोई भी अपना जिला प्रमुख नहीं बना सकेगा। हालांकि, बीजेपी का दावा है कि सभी निर्दयी बीजेपी के साथ हैं पर राष्ट्रीय कॉंफ्रेस ने कहा कि ऐसा कहने वाले बीजेपी नेताओं की खरीद फरोख्त करना चाहते हैं। क्योंकि निर्दलीयों में उन लोगों की संख्या अधिक है जो अलग-अलग दलों के बागी हैं।
विधानसभा चुनाव के रास्ते खुलेंगे-
जम्मू-कश्मीर में जिला परिषद के चुनाव के नतीजे से साफ हो गया है कि भविष्य में विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना बढ़ गई है। बीजेपी और पीडीएफपी गठबंधन टूटने के बाद से अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं, और पिछले साल मोदी सरकार ने 370 भी खत्म कर दिया था।] इसके बाद से उपराज्यपाल की जिम्मेदारी पर कश्मीर चल रहा है, और अब जिस तरह से आवाम ने जिला परिषद के चुनाव में हिस्सा लिया है, उससे साफ है कि जल्द ही राज्य में विधानसभा चुनाव के साथ एक स्थाई सरकार हो सकती है।