नई दिल्ली: Delhi Chief Sec. Assault Case: फरवरी, 2018 में दिल्ली सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री आवास में बदसलूकी और मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 3 साल बाद राहत मिली है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल की थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भी आरोपित बनाया गया था। बता दें कि इस मामले में इन दोनों के अलावा आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों के नाम भी शामिल थे। आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल को छोड़कर सभी को बरी करने का फैसला किया है।
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Delhi Chief Sec. Assault Case: फरवरी 2018 में हुई थी मारपीट
19 फरवरी 2018 को आधी रात 12 बजे केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुख्य सचिव के साथ मारपीट हुई थी। इस घटना के बाद 21 फरवरी की सुबह सिविल लाइंस थाना पुलिस ने वीके जैन से पूछताछ की थी। पहले तो उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन अगले दिन दिल्ली पुलिस ने धारा-164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में उनका बयान दर्ज करवाया था। मजिस्ट्रेट के सामने बयान में उन्होंने पूरी घटना उजागर कर दी। तभी पुलिस ने उन्हें केस का मुख्य चश्मदीद गवाह बना लिया था।
Delhi Chief Sec. Assault Case: केजरीवाल और सिसोदिया के लाए राहत
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की थी। पुलिस ने सबूतों के आधार पर ये मज़बूत चार्जशीट तैयार की थी। माना जा रहा है कि ये अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए गले की फाँस बन सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आज इस आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 9 अन्य विधायकों को भी बरी कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने AAP के दो विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ़ आरोप तय करने का आदेश दिया है।