नई दिल्ली: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रूट पर निर्माणाधीन देश के पहले रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के लिए अब दिल्ली में भी निर्माण कार्य जोर पकड़ेगा. बता दें कि दिल्ली सरकार ने एनसीआर परिवहन निगम को इसके लिए जमीन सौंप दी है. इससे अब इस कॉरिडोर के समय पर पूरा होने और इस पर रैपिड रेल दौड़ने की तस्वीर भी पूरी तरह साफ हो गई है।
बता दें कि 82 किलोमीटर लंबे देश के इस पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का 13 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में पड़ता है. सराय काले खां और आनंद विहार इस कॉरिडोर के मुख्य ट्रांजिट प्वाइंट होंगे. इन जगहों पर ही निर्माण कार्य को गति देने के लिए एनसीआरटीसी ने दिल्ली सरकार से कुछ भूमि स्थायी और कुछ अस्थायी तौर पर मांगी थी. हालांकि इस प्रक्रिया में थोड़ा समय जरूर लगा, लेकिन दिल्ली के परिवहन विभाग ने एनसीआरटीसी को यह जमीन सौंप दी है।
62 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया-
जानकारी के मुताबिक 27,718 वर्ग किलोमीटर जमीन एनसीआरटीसी को स्थायी जबकि 28,294 वर्ग किलोमीटर जमीन अस्थायी तौर पर सौंपी गई है. इस जमीन के लिए एनसीआरटीसी ने परिवहन विभाग के दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीटीआइडीसी) को 62 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया है. बताया जाता है कि यह जमीन मिलने के साथ ही यहां कॉरिडोर व स्टेशन दोनों के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर-
- यह कारिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा और उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम (मेरठ) में समाप्त होगा. इस पर कुल 22 स्टेशन होंगे।
- रास्ते में यह यमुना नदी, हिंडन नदी, भारतीय रेल की पटरियों, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे (ईपीई) को पार करेगा और दिल्ली, गाजियाबाद एवं मेरठ की घनी आबादी से गुजरेगा।
- गाजियाबाद के बाद यह मुख्य तौर पर गाजियाबाद-मेरठ राजमार्ग के मध्य मार्ग पर होगा
- साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड पर सिविल निर्माण कार्य जोरों पर है.
प्राथमिक खंड के चारों स्टेशन-
- साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई का निर्माण भी जारी है।
- इस कॉरिडोर में दो डिपो होगे- एक दुहाई में और दूसरा मोदीपुरम में।
- सभी बड़े कांट्रैक्ट जिनमें सिविल, रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग शामिल है, अवार्ड किए जा चुके हैं।
- आरआरटीएस ट्रेन का निर्माण 100 फीसद भारत में हो रहा है।
- सराय काले खां स्टेशन एलिवेटेड होगा और फेज-एक के तीनों कॉरिडोर यहां मिलेंगे।
- सराय काले खां स्टेशन को हजरत निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन, सराय काले खां आइएसबीटी और सराय काले खां रेलवे स्टेशन के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत किया जाएगा।