नई दिल्लीः जब से देश में कोरोना लॉकडाउन शुरू हुआ तभी से छात्रों के लिए स्कूल बंद कर दिए गए थे। इस बीच बच्चों की पढ़ाई खराब न हो इसलिए ऑनलाइन पढ़ाई(Online Class) कराने का फैसला किया गया। जिसमे छात्रों को वीडियो कॉल के माध्यम से पढ़ाया जाता था। जिसमे छात्र घंटों फोन में लगे रहते थे। इसी के चलते कई छात्रों को मोबाइल पर गेम खेलने की लत लग गयी। ऐसा ही एक मामला बिहार में कटिहार के कोढ़ा प्रखंड और कोलासी ओपीक्षेत्र के मकईपुर गाँव की है, जहां मोबाइल में लगातार गेम खेलने से 15 वर्षीय 8वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्र आयुष की मौत हो गई है। आयुष अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था।
Online Class: रात-रातभर खेलता रहा गेम
हुआ यूं कि आयुष अपने घर में ऑनलाइन पढ़ाई(Online Class) कर रहा था, आयुष की पढ़ाई के साथ-साथ मोबाइल में गेम खेलने की भी आदत लग गई, माता-पिता के लाख समझाने के बाद भी आयुष ने मोबाइल में गेम खेलना नहीं छोड़ा, वह पढ़ाई करने का बहाना बनाकर रात में छुपकर देर रात तक गेम खेला करता था, पब्जी(Pub G) गेम और फ्री फायर(Free Fire) की लत इसे ऐसी लगी कि रात-रातभर और दिनभर लगातार वो मोबाइल में गेम ही खेलने लगा था।
आयुष को जब गेम खेलने से उसके गर्दन में दर्द होने लगा तो वह चुपचाप बिना मां – बाप को बताये दर्द की दवाई(टेबलेट) खाने लगा और दर्द की वजह से दवा का आदी हो गया, इसकी जानकारी आयुष के माता-पिता को नहीं थी, एक दिन जब दर्द बर्दास्त नहीं हुआ तो आयुष ने माता-पिता को इसकी जानकारी दी तो पिता उसे डाक्टर के पास लेकर गए।… तबियत जब ज्यादा बिगड़ने लगी तो उसे मेडिकल कॉलेज ले गये, डॉक्टर ने एक्सरे रिपोर्ट के बाद आयुष के पिता को बताया कि दर्द की दवा ज्यादा खाने से दिक्कत हो गयी है जिसके कारण इसका इलाज लंबा चलेगा, इसी बीच आयुष की सांसें काफी फूलने लगी और देखते ही देखते आयुष अपने पिता के सामने इस दुनिया से हमेशा के लिए चला गया।