जनतंत्र Kabul: तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद वहां सबसे ज्यादा प्रताड़ित महिलाएं हैं। पूरी दुनिया में कोई भी घटनाक्रम होता है तो उसका सबसे गहरा असर महिलाओं पर ही होता है। फिर अफगानिस्तान में तो तालिबान का राज है वहां भला कैसे महिलाओं की हक की बात हो सकती है। अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से जा चुकी है, लेकिन पिछे रह गए मरते लोग, तालिबान का जुल्म सहते लोग। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानी महिलाओं ने अपने हक के लिए सड़क पर उतरकर आवाज बुलंद की। अब एक बार फिर काबुल में औरतें प्रदर्शन कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर करना चाहती हैं।
काबुल की सड़कों पर एक बार फिर अफगान महिलाएं हाथों में पोस्टर लेकर सड़कों पर उतर आई हैं। इस बार ये प्रदर्शन पूरी दुनिया का ध्यान खींचने के लिए है। महिलाओं के मुताबिक,, ये प्रदर्शन अफगानिस्तान में जारी तमाम संकट पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निष्क्रियता और चुप्पी के विरोध में किया गया है। इनके हाथों में जो पोस्टर है उस पर लिखा हुआ है ‘दुनिया हमें मरता हुए शांति से क्यों देख रही है?’
Kabul: ‘गरीब चिल्ला रहे हैं बच्चे मर रहे हैं’
लगभग अगस्त मध्य में तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता छीन ली थी। जिसके बाद तालिबान ने महिलाओं को काम पर लौटने की अनुमति नहीं दी है और अधिकतर लड़कियों को हाई स्कूल में जाने की मनाही है। महिलाओं का कहना है कि ’आज हम ये विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हमें अपना अधिकार चाहिए. दुनिया क्यों खामोश है? संयुक्त राष्ट्र महिलाओं पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है? हर दिन गरीब चिल्ला रहे हैं, हमारे बच्चे मर रहे हैं, बेरोज़गारी की वजह से पुरुष परेशान हैं उनके पास नौकरी नहीं है।
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं का कहना है कि, ’दुनिया के देश चुप क्यों हैं? क्यों कोई हमारी आवाज नहीं सुन रहा है? हमें क्यों घरों में कैद रहना चाहिए और कब तक हम ऐसे ही रहेंगे? क्यों कोई सुन नहीं रहा? क्या हम महिलाओं को समाज में सक्रिय रहने का अधिकार नहीं?