नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पंतापाड़ा (Pantapada) गांव में बीते नौ अप्रैल की रात छापेमारी के लिए पहुंची बिहार के किशनगंज (Kishanganj) थाने की पुलिस पर हमले के लिए मस्जिद से ऐलान किया गया था। मस्जिद से गांव में चोर और डाकू के प्रवेश करने की बात कह भीड़ जुटाई गई, फिर वर्दीधारी पुलिस पर हमला कर दिया गया। मस्जिद से ऐलान होते ही लाठी-डंडे व धारदार हथियारों से लैस सैकड़ों की संख्या में जुटी भीड़ पुलिस पर टूट पड़ी।
इस दौरान बाकी पुलिस वाले तो किसी तरह जान बचाने में सफल रहे, लेकिन किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष व इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। किशनगंज के एसपी मनीष कुमार (SP Manish Kumar) और एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी (SDPO Anwar Jawed Ansari) ने इसकी पुष्टि की है।
Delhi Crime: एक थप्पड़ जो मारा तो चाकुओं से कर डाले अनगिनत वार
मस्जिद से हुआ एलान
पश्चिम बंगाल के ग्वालपोखर थाना में दर्ज इस मामले की एफआइआर में इसका जिक्र किया गया है। छापेमारी टीम में शामिल रहे इंस्पेक्टर मनीष कुमार द्वारा दर्ज एफआइआर में इसका उल्लेख किया गया है कि मुख्य आरोपित फिरोज के घर पुलिस के दबिश देते ही मस्जिद से यह ऐलान कर दिया गया कि गांव में चोर और डाकू घुस आए हैं।
हथियार भरकर के आये लोग
मस्जिद से ऐलान होते ही सैकड़ों की संख्या में हथियारों के साथ जुटी भीड़ पुलिस टीम पर टूट पड़ी। इस मामले में इंस्पेक्टर मनीष कुमार की शिकायत पर ग्वालपोखर थाना में 21 नामजद समेत पांच सौ अज्ञात के विरूद्ध मामला दर्ज कराया गया है। अब तक पांच नामजद आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
आरोपी हुए गिरफ्तार
घटना के दिन ही शनिवार को बंगाल पुलिस ने मुख्य आरोपित फिरोज आलम, अबुजर आलम, सहीनुर खातुन को गिरफ्तार किया। इनमें महिला मुख्य आरोपित की मां है। इसके बाद रविवार को मलिक उर्फ अबदुल मलिक और इसराईल को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार सभी आरोपित पंतापाड़ा गांव के रहने वाले हैं।