नई दिल्लीः Krishna Mero Hai: यूँ तो कान्हा के विश्व भर में कई बड़े-बड़े भक्त हैं लेकिन, कोई कितना बड़ा भक्त हो सकता है इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से देखने को मिला है। आप मुझसे बिछड़ गये…. मेरे गोपाल। मेरी आखें तरस गई.. मुझे पता चलते ही मैं आपके आपको लेने आ गई… यह संवाद किसी फिल्म के नहीं बल्कि उस भाव्या के है जो लड्डू गोपाल को लेने दिल्ली से बरेली आई थी। दशमेशनगर में रहने वाली संगीता सपरा के घर पहुंंची भाव्या के लिए लड्डू गोपाल को पा लेने सुखद पल उस समय पूरा हो गया, जब उसने लड्डू गोपाल को अपनी गोद में ले लिया।
Krishna Mero Hai: लड्डू गोपाल को लेकर वापस लौट गई
लड्डू गोपाल को लेने के लिए वह सुबह-सुबह ही अपने भाई कन्हैया शर्मा के साथ आई थी। सुबह ही संंगीता सपरा के घर पहुंची भाव्या लड्डू गोपाल को लेकर वापस लौट गई। संगीता ने बताया था कि वृंदावन में दर्शन के दौरान किसी महिला ने उन्हें लड्डू गोपाल कुछ देर पकड़ने को दिए, फिर भक्तो के बीच कुछ पता नही चला था। लड्डू गोपाल को देते हुए संगीता की आंखों में आंसू भर आये, कन्हैया ने उन्हें समझाया कि आप तो यशोदा मैया बन गईं… ये प्रेम देखते है, आपके घर तक आ गए। अब लड्डू गोपाल को विदा कर दीजिए। भाव्या भी लड्डू गोपाल को पा कर भाव विभोर हो गई।
गोपाल मेरा लाला, मेरा बेटा है
गाेविंद मेरौ है, गोपाल मेरौ है…। गोपाल मेरा लाला, मेरा बेटा है, बहुत दिन से मुलाकात नहीं हुई थी। अक्सर मैं याद करती थी। पर मुलाकात नहीं हुई थी। इस लाला ने आखिर मेरी सुन ली और मिलने चला आया। ये कहते हुए दशमेशनगर की संगीता सपरा की आंखों में खुशी के कुछ आंसू भर आए। बांके बिहारी में उनकी बहुत आस्था है। इसलिए 35 साल से वृंदावन में बांकेबिहारी दर्शन के लिए जाते रहते हैं।
दिल्ली के अश्विनी महरोत्रा के लड्डू गोपाल मिलने के बाद उन्हें अपने पांच साल पहले खोए लड्डू गोपाल याद आ गए। उस वक्त उन्होंने भी विज्ञापन दिए, इनाम रखा लेकिन वह नहीं मिले। अचानक दिल्ली के अश्वनी महरोत्रा के लड्डू गोपाल खोने की सूचना देखकर उन्हाेंने दिल्ली के रमेशनगर निवासी अश्विनी महरोत्रा को फाेन करके बताया कि आपके गोपाल हमारे पास सुरक्षित है। जिसके बाद उन्होंने लड्डू गोपाल उन्हें सौंप दिए।