रश्मि सिंह|Patanjali Misleading Ads: बाबा रामदेव से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। दवाओं के भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने बिना किसी शर्त माफई मांग ली। हालांकि, कोर्ट ने बाबा की तरफ से दिए गए हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
रामदेवा बाबा को sc की फटकार
जानकारी के लिए बता दें कि, भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हलफनामे को स्वीकार करने से मना कर दिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, हलफनामा हमारे आने से पहले मीडिया में प्रकाशित हो गया। इसे प्रचार के लिए दाखिल किया गया या हमारे लिए?
इस पर रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा, “हमने 6 अप्रैल को ही हलफनामा दाखिल कर दिया था। रजिस्ट्री ने शायद इसे जजों के सामने नहीं रखा। इसके बाद रोहतगी ने हलफनामे का अंश पढ़कर सुनाया जिसमें बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की ओर से माफी मांगी गई है। जज ने दाखिल हलफनामे पर एतराज जताय। इसमें रामदेव ने देश से बाहर जाने के अपने एक कार्यक्रम की जानकारी दी है। जजों ने इसे देखकर कहा कि इस तरह से सारी प्रक्रिया को हल्के में लिया गया है।”
कोर्ट से झूठ बोला गया- जस्टिस अमानुल्लाह
आपको बता दें कि, रामदेव बाबा के भ्रामक विज्ञापन मामले में जस्टिस अमानुल्लाह ने सुनवाई के दौरान कहा, कोर्ट से झूठ बोला गया। इसके बाद जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि हम इस हलफनामे को स्वीकार करने से मना करते है। वहीं रोहतगी ने सुनवाई टालने का अनुरोध किया ताकि यह देखा जा सके कि रामदेव और बालकृष्ण को और क्या लिख कर देने की जरूरत है। इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि हम कितनी बार समय दें ? मामला सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले उत्तराखंड सरकार ने जब विज्ञापन रोकने को कहा था तो आपने उनसे भी कहा था कि कानून आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। क्या आपको कानून नहीं पता था?