जनतंत्र डेस्क Pegasus Case: पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी करेगी। ये कमेटी 8 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला पेगासस मामले में दायर याचिकाओं को देखते हुए किया है। इन याचिकाओं में स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आरवी रविंद्रन, आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय होंगे। वहीं, पेगासस मामले में जांच का फैसला जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनाया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, लोगों की इस तरह विवेकहीन जांच बिल्कुल बर्दाश्त नहीं।
एक्सपर्ट कमेटी में IT भी शामिल
पेगासस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की गठित कमेटी में साइबर सुरक्षा, फारेंसिक एक्सपर्ट, आईटी और तकनीकी विशेषज्ञों से जुड़े लोग होंगे। मामले में अहम आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्टने ये भी कहा कि, “निजता के अधिकार का हनन नहीं किया जा सकता है. निजता का अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता को बरकरार रखने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि पत्रकार का सोर्स नहीं बताया जा सकता।”
क्या है पेगासस जासूसी मामला
इसराइल की सर्विलांस कंपनी एनएसओ ग्रुप के सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के फोन की जासूसी करने का दावा किया गया था। जिसमें 50 हजार नंबरों के एक बड़े डेटा बेस के लीक की पड़ताल द गार्डियन, वॉशिंगटन पोस्ट, द वायर, फ्रंटलाइन, रेडियो फ़्रांस जैसे 16 मीडिया संस्थानों के पत्रकारों ने की। जिसके बाद भारतीय संसद में भी ये मामला खूब गूंजा।