नई दिल्ली: चैत्र शुक्ल मास की नवमी तिथि को रामनवमी कहा जाता है। इस बार रामनवमी 21 अप्रैल 2021 दिन बुधवार को पड़ रही है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए नवमी तिथि को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन भी होता है इसलिए यह तिथि भक्तों के लिए बहुत ही खास होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष रामनवमी के अवसर पर इस बार पांच ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। इससे पहले ऐसा संयोग 2013 में बना था। इस हिसाब से यह दुर्लभ संयोग पूरे नौ वर्षों के बाद बन रहा है। जानिए इस योग के प्रभाव, महत्त्व और शुभ मुहूर्त
खरीददारी करना बेहद शुभफलदाई रहेगा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राम नवमी 21 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 59 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा, इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र आरंभ होगा जो सुबह 08 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा पूरे दिन और रात स्वयं की राशि कर्क में संचार करेगा, सप्तम भाव में सप्तम भाव में स्वग्रही शनि, दशम भाव में सूर्य, बुध और शुक्र है। तो वहीं इस दिन बुधवार रहेगा। ग्रहों की इस स्थिति के कारण इस बार की रामनवमी बेहद शुभ रहेगी। इस दिन पूजा पाठ और खरीददारी करना बेहद शुभफलदाई रहेगा।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान राम का जन्म कर्क लग्न और कर्क राशि में ही हुआ था। इस बार रामनवमी पर लग्न में स्वग्रही चंद्रमा का होना सुख शांति प्रदान करेगा। प्रातः पुष्य नक्षत्र और इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र होने से इस दिन की शुभता और भी बढ़ जाएगी।