कोरोना संकट के बीच RBI का बड़ा ऐलान : कॅश फ्लो के लिए 50 हजार करोड़
. रिवर्स रेपो रेट में कटौती की गई
. बैंकों को मिलेगी बड़ी राहत , कॅश फ्लो के लिए करेगा 50 हजार करोड़ की व्यवस्था
. नाबार्ड समेत अन्य को भो 50 हज़ार करोड़
. जी-20 देशों में भारत सबसे अच्छी स्थिति में
. कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें : शशिकांत दास
कोरोना के बढ़ते प्रभावों को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर होने वाले असर की जानकारी दी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा की “रिवर्स रेपो रेट में कटौती की गई है। साथ हीं नकदी फ्लो के लिए बैंक द्वारा इंतजाम भी किया जाएगा।”
वैश्विक महामारी से कोरोना वायरस से पूरा विश्व जूझ रहा है ऐसे में , कोरोना के साथ चरमराती अर्थव्यवस्ता भी बड़ी समस्या है। पूरे विश्व की अर्थ व्यवस्था महासंकट से जूझ रही है। अर्थव्यवस्था की स्थिति सही करने के लिए शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कई बड़े ऐलान किए गए। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया, इसके साथ हीं शशिकांत दास ने बाजार में कॅश की संकट ना आए इसके लिए भी 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त इंतजाम की बात कही।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर ने कहा कि “कोरोना संकट के बीच बैंक सभी हालात पर नजर रखे हुए है, कदम-कदम पर फैसले लिए जा रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी ”
रेपो रेट में कटौती
रिजर्व बैंक की ओर से बड़ी राहत देते हुए रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है, इसी के साथ अब ये 3.75 फीसदी हो गई है. RBI गवर्नर की ओर से कहा गया कि बैंक की ओर से लगातार इस तरह के ऐलान किए जाएंगे, जो तबके हालात के आधार पर होंगे। आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कमी करने से आम लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा। आरबीआई के इस ऐलान से बैंकों के पास ज्यादा पैसा उपलब्ध होगा। ऐसे में बैंक आम आदमी को कर्ज दे सकेंगे. ऐसे में इस ऐलान के बाद बैंकों पर कर्ज पर ब्याज दर कम करने का दबाव होगा.
नकदी संकट से निबटने के लिए बड़ा निवेश
RBI गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि “नकदी संकट को दूर करने के लिए बैंक की तरफ से बाजार में 50 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम किया जाएगा, ताकि नकदी में किसी तरह की कमी ना आए.” इसके लिए आरबीआई की तरफ से TLTRO की घोषणा की गई है ताकि , बैंकों की ओर से कर्ज मिलने में आम आदमी को कोई दिक्कत नहीं आएगी।
नाबार्ड समेत अन्य को भी 50 हज़ार की मदद
इसके अलावा बैंक की ओर से नाबार्ड, एनएचबी, एनबीएफसी समेत अन्य क्षेत्रों में भी 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी, ताकि नीचे तक मदद पहुंच सके “.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस वक्त 150 से अधिक अधिकारी लगातार क्वारनटीन होकर भी काम कर रहे हैं और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. शक्तिकांत दास ने कहा कि IMF ने इस बात का अनुमान लगाया है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो कि खतरे की घंटी है. कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है.
जी-20 देशों में भारत सबसे अच्छी स्थिति में
पतरकार वार्ता के दौरान शशिकांत दास ने कहा कि “कोरोना संकट की वजह से भारत की GDP 1.9 की रफ्तार से बढ़ेगी, G20 देशों में ये सबसे बेहतर स्थिति है। दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. लेकिन जब कोरोना का दौर चला जाएगा तो भारत की जीडीपी एक बार फिर 7 से अधिक की रफ्तार से बढ़ेगी”.
“इस संकट के बीच भी कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, हमारे पास बफर स्टॉक है. उन्होंने कहा कि इस साल मॉनसून की बारिश अच्छा रहने का अनुमान है, फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री में अच्छी बढ़त हुई”
“मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है. दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, जिससे फायदा हो सकता है.”
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने कर्जधारकों के लिए तीन महीने तक ईएमआई टालने के रूप में भी राहत का ऐलान किया था.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि “फिलहाल यह अभूतपूर्व संकट का वक्त है, इसलिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. उनके मुताबिक, दुनिया भर में अर्थव्यवस्था के लिए बुरा वक्त है. उन्होंने कहा कि बुरा वक्त हमेशा नहीं रहता और कोरोना के खिलाफ जंग में जीत जरूर मिलेगी.”
27 मार्च को दी थी जनता को राहत
गौरतलब है कि , 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 75 बेसिस पाइंट की कटौती करते हुए इसे 4.4 पर्सेंट कर दिया था। आरबीआई के ऐलान से लोगों को उनकी ईएमआई में राहत मिलेगी। साथ ही कम रेट पर लोन भी मिलेगा। आरबीआई के इस कदम से बैंकों को अपनी लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही वे ज्यादा कर्ज भी दे सकेंगे। साथ हीं मार्किट में कॅश का फ्लो भी होगा।
कोरोना संकट की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था ख़राब है। ऐसे में , भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत भी काफी डोल गई है। लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी तरह के व्यापर पर टला लगा हुआ है।जिससे हर दिन 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के पहले चरण में ही देश की जीडीपी को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। विश्व के सभी बैंक के केंद्रीय बैंक अपनी इकोनॉमी को बचाने के लिए एक्टिव हैं ऐसे में , रिजर्व बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं है .