SandeshKhali violence: तृणमूल सांसद मिमी चक्रवर्ती ने अपने सांसद पद से इस्तीफा देने को लेकर कहा, “राजनीति मेरे लिए नहीं है, यहां(राजनीति) पर अगर आप किसी की मदद कर रहे हैं तो आपको उसका प्रचार करना होता है। राजनीति के साथ-साथ मैं एक अभिनेता के रूप में भी कार्य करती हूं, मेरा दायित्व दोनों तरफ एक समान बनता है, अगर कोई राजनीति में आता है तो आप काम करें या न करें आपको भला-बुरा कहा जाता है। मुझे जो परेशानी है उसे लेकर मैंने ममता बनर्जी से बात की है। जिस पार्टी ने मुझे आगे आने का मौका दिया मैं अपने इस्तीफे की जानकारी उन्हें पहले देना चाहती हूं। 2022 में भी मैंने एक बार अपने सांसद पद से इस्तीफे को लेकर दीदी से बात की थी, तब उन्होंने इसे नामंज़ूर कर दिया था। दीदी जो कहेंगी उसके बाद मैं आगे की प्रक्रिया को पूरा करूंगी।”
संदेशखाली को देखकर नंदीग्राम की याद
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता दिनेश त्रिवेदी ने कहा, “संदेशखाली को देखकर नंदीग्राम की याद आती है, जो ग़लतियां वामफ्रंट ने की वहीं ग़लतियां तृणमूल कर रही है। इतिहास दोहरा रहा है। जो जनता तृणमूल को डर के कारण समर्थन कर रही उनका डर खत्म हो गया है। यही कारण था कि मैंने तृणमूल को छोड़ा। यह हर एक जिले की घटना है। ममता बनर्जी को खुद संदेशखाली जाना चाहिए।”
संदेशखाली और चोपड़ा की घटना एक…
संदेशखाली हिंसा पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, “संदेशखाली और चोपड़ा की घटना एक नहीं है, चोपड़ा में जो हुआ बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। संदेशखाली में जो हुआ है वह कई महीनों से हो रहा था। मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी थी। केंद्र से आग्रह है कि मामले की जांच के लिए NIA भेजी जाए। आज रात एक प्रतिनिधी दल यहां पहुंच रहा, कल हम संदेशखाली जाएंगे और रिपोर्ट लेकर केंद्र को भेजेंगे।”