NPR पर सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कोर्ट का केंद्र सरकार को नोटिस
नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानि (NPR) प्रक्रिया पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है हालांकि, कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है, एनपीआर पर रोक लगाने के लिए आज जनहित याचिका दायर की गई थी, इस याचिका में तर्क दिया गया कि आधार में डेटा की सिक्योरिटी की गारंटी है, लेकिन नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना नियमावली, 2003 के तहत इकट्ठा की जा रही जानकारी के दुरुपयोग से किसी भी सुरक्षा की गारंटी नहीं है, कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है… कोर्ट ने कहा है कि अब इसकी सुनवाई नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment law) के साथ होगी, बताते चले कि पिछले साल दिसंबर में नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने NPR को मंजूरी दी थी, इसमें घर-घर जाकर एक रजिस्टर तैयार किया जाएगा और दर्ज किया जाएगा कि कहां कौन रह रहा है।
CAA और NPR पर शाहीन बाग में विरोध
नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship amendment law) – राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National population register) के मसले पर राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen bagh) में जारी विरोध पर भारतीय जनता पार्टी मोर्चा खोले हुए है। वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Union Minister Ravi Shankar Prasad) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press conference) कर कहा कि शाहीन बाग में भारत को तोड़ने वाले लोग बैठे हैं, उन्होंने प्रदर्शन करने वालों की तुलना टुकड़े-टुकड़े गैंग से की, कानून मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि चर्चा शाहीन बाग की करते हैं, लेकिन ये सिर्फ दिल्ली के एक मुहल्ले तक सीमित नहीं है, बल्कि एक विचार है जहां संविधान का कवर है लेकिन भारत को तोड़ने का मंच दिया जाता है, उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रधानमंत्री के खिलाफ उकसाया जाता है, ये सिर्फ मोदी का विरोध है।