जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का पहला चरण संपन्न हुआ। यूपी के पश्चिमी इलाकों के लिए पहला चरण कई मायनों में खास था। किसान आंदोलन का गढ़ और जाट बहुल होने के कारण इस क्षेत्र पर सभी की निगाहें हैं। पहले चरण के बाद सभी पार्टियां जीत का दावा कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने भी वोटिंग की। लेकिन वोटिंग के बाद उनका बयान खूब सुर्खियां बटोर रहा है और लोग डिक्शनरी लेकर बैठ गए।
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दरअसल, मतदान के बाज राकेश टिकैत ने एक टीवी चैनल से बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हमने तो अपनी वोट डाल दी पर भाजपा की कई वोट कोको ले गई। किसान नेता ने तो बयान दे दिया लेकिन लोगों को कोको शब्द का मतलब नहीं समझ आया। पहले चरण की वोटिंग के बाद राकेश टिकैत का बयान खूब ट्रेंड करने लगा।
ट्विटर पर लोग ये सवाल पूछने लगे कि आखिर कोको क्या है। आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने भी ट्वीट कर लिखा कि लोग dictionary में कोको का मतलब ढ़ूंढ़ रहे हैं!
क्या है असल में कोको का मतलब
ट्विटर पर कोको का जो मतलब बताया जा रहा है उसके अनुसार, जाट बहुल इलाक़ों में कोको शब्द का इस्तेमाल होता है। बच्चों को बहलाने के लिए कोको का नाम लेते हैं। कोको पक्षी के बारे में किसी को फ़ुसलाने के लिए कहा जाता है कि ये चीज कोको ले गई या वो चीज कोको ले गई। जो भी हो राकेश टिकैत ने तो एक शब्द से माहौल ही बना दिया।