जनतंत्र डेस्क, UP: चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियां वोटर्स को लुभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। लिहाजा अब हर तबके हर वर्ग हर धर्म को साधने की कोशिश हो रही है। मुस्लिमों को अपने पाले में करने के लिए राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जागरुकता अभियान चलाया है।
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यूपी चुनावों से पहले RSS के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने बीजेपी के लिए समुदाय के वोट जुटाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत MRM ने मुस्लिम विद्वानों और मौलवियों के साथ बैठक की। इस बैठक में हरिद्वार की धर्म संसद का भी जिक्र किया। धर्म संसद में दिए गए विवादित बयानों को लेकर चिंता जाहिर की गई। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा, हमने जामा मस्जिद के मौलाना, काजी और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ समुदाय के सदस्यों की समस्याओं और समाधान पर बात की है।
‘धर्म संसद से संघ का कोई ताल्लुक नहीं’
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुताबिक, बैठक में पदाधिकारियों ने धर्म संसद का मुद्दा उठाया। पदाधिकारियों ने चिंता जताते हुए कहा, धर्म संसद में दिए गए बयान किसी भी सभ्य समाज के लिए सही नहीं। जिसपर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सदस्यों ने कहा, सरकार और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का धर्म संसद से कोई लेना देना नहीं। उनका मंच ऐसी टिप्पणी और सभाओं की कड़ी निंदा करता है।
अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर में MRM का अभियान
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने यूपी के तीन जिलों अमरोहा. मुरादाबाद और रामपुर में जागरुकता अभियान चलाया है। यहां संगठन ने मुस्लिम लोगों, मदरसा के सदस्यों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मुस्लिम बुद्धिजीवियों मुस्लिम समाज की महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़े मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई।