नई दिल्लीः मनरेगा के संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगे पूरी न होने पर 20 मई से हड़ताल की घोषणा की है, जिसपर सरकार ने अब सख्ती दिखाई है. ग्राम्य विकास आयुक्त के.रविंद्र नाइक ने बुधवार को जारी आदेश में बताया कि महामारी में काम पर नहीं आने वाले ग्राम रोजगार सेवक सहित अन्य कर्मचारियों की जगह नई भर्ती का निर्णय लिया जाएगा।
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ग्राम्य विकास आयुक्त
बता दें की इस दौरान आयुक्त ने साफ किया है कि मनरेगा के कर्मचारियों ने जितने दिन काम किया है, उतने दिन का भुगतान किया जाए। कर्मचारियों को किए गए अधिक भुगतान की वसूली खंड विकास अधिकारी से लेकर मुख्य विकास अधिकारी तक से की जाएगी। ग्राम्य विकास आयुक्त का कहना है कि कोरोना महामारी में देश के विभिन्न प्रदेशों से प्रवासी लौट कर अपने गांव आ रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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कार्य बहिष्कार
उन्होंने कहा ऐसे संकट के समय मनरेगा कर्मियों की निम्न मानसिकता से कार्य बहिष्कार करना खेदजनक है। हलाकि मनरेगा कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान विभाग की ओर से लगातार किया जा रहा है। कोरोना महामारी से परेशान जनता की ओर से मनरेगा में काम की मांग करने पर यदि उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया तो इससे जनता में विभाग के प्रति आक्रोश होगा।