नई दिल्लीः आज का दिन World Environment Day के रूप में मनाया जाता है, हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लेकर अपनी परंपरा का पालन करेंगे, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में निश्चित रूप से संवैधानिक प्रविधानों और न्यायालय के प्रयासों का योगदान महत्वपूर्ण है। शास्त्रों में वृक्षों को संतान रूप माना गया है इसलिए वृक्षारोपण भी हमारे जीवन को सुचारू रूप से चलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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वृक्षारोपण की महत्वपूर्ण भूमिका
बता दें की घर के पूर्व दिशा में वटवृक्ष ‘बरगद’ का पेड़ लगाने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। परिवार से बेरोजगारी दूर भाग जाती है और व्यापार में भी अनुरूप वृद्धि होती है। पश्चिम दिशा में ‘पीपल’ का वृक्ष लगाने से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है और घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। उत्तर दिशा में पाकड़ का वृक्ष लगाने से गृह में सुंदर बहुओं का आगमन होता है, और परिवार में सुख शान्ति रहती है। दक्षिण दिशा में गुलर का वृक्ष लगाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता, धन में बरकत होती है किन्तु ध्यान रहे दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा भूलकर भी न लगाएं।
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घर के समीप वृक्ष
घर के समीप कांटे वाले तथा फलहीन वृक्ष अशुभ होते हैं। घर के पास नागकेशर, अशोक, मौलसीरी, चंपा, अनार, पीपली, अर्जुन, सुपारी, केतकी, मालती, कमल, चमेली नारियल, केला, अति शुभ कारी माना गया है। द्वार के अंतिम सिरे पर अनार (उत्तर दिशा )और श्वेत मदार पूर्व दिशा की ओर लगाने से घर की दरिद्रता दूर होती है और परिवार में सद्बुद्धि आती है।