नई दिल्ली : दिल्ली में पहला वर्चुअल स्कूल खुलने जा रहा है। जो चारदीवारी के बंधन से आजाद होगा। जहां पढ़ाई से लेकर परीक्षा तक सारी व्यवस्था ऑनलाइन होगी। सरकार का दावा है कि यह देश का पहला स्कूल होगा। अपनी वर्चुअल प्रकृति के कारण यह दिल्ली की सीमाएं लांघेगा और इस स्कूल में सिर्फ राजधानी ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले छात्र भी पढ़ पाएंगे । इसकी घोषणा वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा के बजट में पेश कर दी है।
दिल्ली सरकार: कार्य करने की संभावना
वर्चुअल दिल्ली मॉडल स्कूल यह स्कूल कई मायनों में बहुत ही खास होने जा रहा है। छात्र कहीं भी रहने, कहीं भी सीखने और कभी भी परीक्षण करने की बुनियाद पर इस स्कूल से पढ़ाई कर सकता है। दिल्ली सरकार ने इसे वर्चुअल दिल्ली मॉडल स्कूल नाम दिया है। आने वाले शैक्षणिक वर्ष में इसके कार्य करने की संभावना है। वित्त मंत्री सिसोदिया ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोरोना ने मुश्किल समय में तकनीक का सही उपयोग करना सिखाया है।
जिस में विशेषकर, शिक्षा के क्षेत्र में, जहां शिक्षकों ने बिना ही ऑनलाइन पढ़ाई संभव हो सके। दिल्ली सरकार ने कहा है कि हम तकनीक की मदद से शिक्षा का विस्तार करने जा रहे है। उसमें वर्चुअल स्कूल अहम पड़ाव साबित होगे। वर्चुअल स्कूल का डिजाइन कैसा होगा, उस पर पहले ही काम शुरू हो चुका है।
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100 स्कूल आफ एक्सीलेंस खुलेंगे
दिल्ली सरकार के स्कूल आफ एक्सीलेंस कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों की प्रतिभा को निखारने का काम करेगें। उसमें विश्वस्तरीय सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। पांच साल पहले खुले स्कूल आफ एक्सीलेंस और प्रतिभा विकास विद्यालयों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
स्कूल आफ एक्सीलेंस के छात्रों की पहचान दिलाने के लिए राज्यस्तरीय प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। उससे छात्रों के सपनों को उड़ान मिलेगी। छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार दो हजार रुपये की आर्थिक मदद भी करेगी।