नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर केंद्र और राज्यों को अंधविश्वास और जादू-टोना के नाम पर मतांतरण रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। वकील और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दाखिल याचिका में धर्म का दुरुपयोग रोकने के लिए एक कमेटी नियुक्त कर मतांतरण कानून बनाने की संभावना का पता लगाने की खातिर निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
बता दें की अधिवक्ता अश्वनी कुमार दुबे के जरिये दाखिल याचिका में कहा गया है, प्रलोभन और जोर-जबर्दस्ती से मतांतरण किया जाना ना केवल अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन है बल्कि यह संविधान के मूल ढांचे के अभिन्न अंग पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के भी खिलाफ है। साथ ही याचिका में यह भी कहा गया कि अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है, कि केंद्र और राज्य जादू-टोना, अंधविश्वास और छल से मतांतरण पर रोक लगाने में नाकाम रहे हैं, जबकि अनुच्छेद 51-ए के तहत इस पर रोक लगाना उनका दायित्व है।
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तीन साल न्यूनतम कैद
याचिका में ठोस कार्रवाई कर पाने में नाकामी का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि केंद्र कानून बना सकता है, जिसमें तीन साल की न्यूनतम कैद की सजा हो, जिसे 10 साल की सजा तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को धार्मिक समूहों के मामलों से निपटने और उनके बीच धार्मिक भेदभाव का गहराई से अध्ययन कराने के लिए अधिकार दे सकता है।