Hindi Diwas 2023: हिंदी नाम सुनते ही सबकी जुबां पर सबसे पहले भारत देश का नाम ही आता है। दरअसल, हिंदी भारत में बोले जाने वाली आम बोलचाल की भाषा है। बता दें कि, हर साल हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। हिंदी दुनियाभर को उन सारी भाषाओं में से एक है, जो सबसे ज्यादा बोली जाती है। ये जानना दिलचस्प होगा कि हिंदी भारत के अलावा भी अन्य कई देशों में बोली जाती है। जैसे कि मॉरीशस, नेपाल, पाकिस्तान, सिंगापुर, त्रिनिदाद और टोबैगो फिजी और बांग्लादेश हैं।
हिंदी के नाम के पीछे की कहानी
हिंदी भाषा को फारसी शब्द हिंद से लिया गया है। तो वहीं हिंदी भाषा की खोज ऐसे हुई। दरअसल, आधुनिक हिंदी अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की, मध्य एशिया और अन्य जगहों के मुस्लिम आक्रमणकारियों के साथ खड़ी बोली के शुरुआती वक्ताओं की बातचीत से विकसित हुई। जैसे-जैसे नए आप्रवासी बसे और भारतीय सामाजिक परिवेश में समायोजित होने लगे, उनकी भाषाएँ – जो अंततः लुप्त हो गईं – खड़ी बोली को समृद्ध किया गया।
हिंदी दिवस का इतिहास
हिंदी दिवस का इतिहास 14 सितंबर 1949 से शुरू होता है, जब भारतीय संविधान के तहत हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। बता दें कि , हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए राजेन्द्र सिंहा ने काफी लंबी लड़ाई लड़ी थी और इसी दिन उनकी जंयती भी होती है। तो पंडित जवाहर लाल नेहरू ने हिंदी दिवस मनाने के लिए 14 सिंतबर की तारीख तय की थी। हिंदी भाषा भारत में विभिन्न भाषा के लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और देश के विभिन्न स्थानों के लोगों द्वारा इसे समझा और बोला जाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी शुभकामनायें
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “देश में स्वराज प्राप्ती और स्वभाषा के आंदोलन के एक साथ चल रहे थे। स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता प्राप्ती के बाद हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए संविधान निर्माताओं ने 14 सिंतबर 1949 के दिन हिंदी को देश की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। किसी भी देश की मौलिक और सृजनात्मक अभिव्यक्ति सही मायनों में सिर्फ उस देश की अपनी भाषाओं में ही की जा सकती है।”