रश्मि सिंह|Period Imbalance: आजकल महिलाएं और लड़कियों के हार्मोनल इंबैलेंस से ज्यादा गुजर रही है। इसके पीछे का आज कल के खान पान और लाइफ स्टाइल है जिसके वजह से सभी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई सारी बीमारियां अपना घर बना लेती है। हार्मोनल इनबैलेंस होने के वजह से पीरियड्स, PCOD एंड PCOS आदी जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शरीर ठीक से काम करे इसके लिए सबसे जरुरी है कि हार्मोन्स का बैलेंस ठीक ढंग से बना रहे। खासकर महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स के बैलेंस को बनाए रखना बेहद जरुरी होता है।
इन मुश्किलो का करना पड़ता है सामना
- शरीर में एनर्जी की कमी
- वजन में उतार-चढ़ाव
- मूड स्विंग
- नींद की कमी, नींद न आने की परेशानी
- बाल झड़ना
- शरीर पर बाल का बढ़ना
हार्मोनल इंबैलेंस के शुरुआती लक्षण
- इर्रेंगुलर पीरियड्स, हेवी ब्लीडिंग और गंभीर प्री मेंस्ट्रुएशन सिंड्रोम हार्मोनल इंबैलेंस के शरुआती लक्षण होते है।
- मूड स्विंग्स- आज कल की लड़कियों को मूड स्विंग होना आम हो गया है। मूड स्विंग के लक्षण है चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी और ज्यादा गुस्सा करना।
- स्किन की सम्सयाएं- चेहरे पर काफी ज्यादा पिंपल्स का निकलना, त्वचा का रंग और टेक्सचर में बदलाव आना इसके लक्षण है।
- वजन का बढ़ना-अगर आपके हार्मोंनल इनबैलेंस के वजह से वजन भी काफी तेजी से बढ़ना शुरु हो सकता है।