Amit Shah On Manipur Hinsa : संसद ने तड़के सुबह, 4 मार्च को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले सांविधिक संकल्प को पारित किया गया। मणिपुर में भभकती हिंसा को देखते हुए 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए एक सांविधिक संकल्प अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया और इसे पारित कराया।
राज्यसभा में राष्ट्रपति शासन पर लगी मुहर
शुक्रवार तड़के करीब चार बजे इस संकल्प को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। लोकसभा से इसे पहले ही पारित कर दिया गया था। उन्होंने सदन में कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया था। जिसके बाद राज्यपाल ने विधायकों से चर्चा की और बहुमत सदस्यों ने कहा कि वह फिलहाल मणिपुर में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।
अमित शाह ने बताई हिंसा की वजह
अमित शाह ने कहा “इसके बाद कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा को पहले ही राष्ट्रपति महोदया ने स्वीकार कर लिया। मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप दो महीने के अंदर इस संबंध में सदन के अनुमोदन के लिए सांविधिक संकल्प लाया हूं।”
शाह ने आगे कहा कि “सरकार की पहली चिंता मणिपुर में शांति स्थापित करने की है। पिछले चार महीने से मणिपुर में एक भी मौत नहीं हुई है। मणिपुर में 260 लोग जातीय हिंसा में मारे गए।”
खरगे ने भाजपा पर साधा निशाना
मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “मणिपुर में सैंकड़ों लोग मारे गए, बलात्कार हुआ, घर जला दिए गए, स्कूल और कॉलेज बंद हैं। वहां कोई सुरक्षा नहीं है। समाधान खोजने की जरूरत है और सरकार समाधान देने में विफल रही है। इसलिए हम चाहते हैं कि स्वंय प्रधानमंत्री जाकर इसे सुलझाए।”