Manipur News : मणिपुर में काफी समय से जनजातीय संघर्ष चल रहा है। इस संघर्ष कई बार हिंसा का रूप भी ले चुका है। इस बीच मणिपुर में राज्यपाल की अपील के बाद हथियारों के सरेंडर का सिलसिला लगातार जारी है। इस बीच पांच जिलों में लोगों ने 42 हथियार और कारतूस पुलिस को सौंप दिए हैं। पुलिस के अनुसार, इंफाल पश्चिम और पूर्व, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर और तामेंगलोंग में लोगों ने कई हथियारों को जमा किया गया है।
मणिपुर में 42 हथियार किए गए सरेंडर
जानकारी के मुताबिक, बिष्णुपुर से दो पिस्तौल, छह ग्रेनेड और 75 से ज्यादा कारतूस सहित पांच और हथियार जमा किए हैं। वहीं तामेंगलोंग जिले के कैमाई पुलिस स्टेशन में 17 देशी बंदूकें जमा किया गया है। कई पुलिस स्टेशन में कम से कम 10 हथियार और कारतूस जमा किए गए हैं। वहीं शनिवार, 1 मार्च को 20 राउंड गोला-बारूद से भरी एक मैगजीन के साथ एक इंसास एलएमजी, एक एके-56 राइफल, तीन एसएलआर राइफल, एक एसएमजी 9एमएम कार्बाइन, एक .303 राइफल, एक डीबीबीएल गन, जैसे कई बड़े-बड़े हथियार जब्त किए हैं।
साल 2023 में हुई थी जातीय हिंसा
इसके साथ ही पुलिस ने कांगपोकपी जिले में थिंगसैट के पास दो अवैध बंकरों को खत्म कर दिया गया है। वहीं . कांगपोकपी और इंफाल पूर्वी जिलों में तीन अन्य बंकरों को भी नष्ट कर दिया गया था। गौरतलब हो कि, मई 2023 से मैतेई और कुकी दो समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिंसा में कई लोगों ने अपने और अपने घरों को खो दिया है।
मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन
इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफ़ा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। इसके बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को हिंसा में शामिल समूहों से सुरक्षा बलों से लूटे गए हथियारों को लौटाने का आग्रह किया था।