नई दिल्ली: Afghanistan Crisis: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की एक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को अगले कुछ दिनों के भीतर अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने और “अफगान भाइयों और बहनों” को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। राजदूत रुद्रेंद्र टंडन CCS बैठक में उपस्थित थे और उन्होंने प्रधानमंत्री को काबुल की ज़मीनी स्थिति से अवगत कराया। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाग लिया।
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Afghanistan Crisis:’अफगान भाइयों और बहनों के मिलेगी हर संभव मदद’- पीएम मोदी
बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, मोदी ने यह भी कहा कि “भारत को न केवल अपने नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए, बल्कि हमें उन सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों को भी शरण देनी चाहिए जो भारत आना चाहते हैं। हमारे अफगान भाइयों और बहनों के लिए जो सहायता के लिए भारत की ओर देख रहे हैं, हमें हर संभव मदद भी प्रदान करनी चाहिए।” काबुल में भारतीय दूतावास में काम करने वाले लगभग 140 लोगों को भारत वापस लाया गया जिनमें राजदूत रुद्रेंद्र टंडन, दूतावास के कर्मचारी, काबुल में भारतीय दूतावास की रखवाली कर रहे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और चार मीडियाकर्मी शामिल थे।
Afghanistan Crisis: विदेश मंत्री एस. जयशंकर नहीं हो सके CCS की बैठक में शामिल
सूत्रों के अनुसार, CCS को अफगानिस्तान में मौजूदा और विकसित हो रही सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। समिति को हाल ही में भारतीय दूतावास के अधिकारियों और भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों के साथ-साथ भारतीय मीडिया के कुछ सदस्यों की निकासी पर भी जानकारी दी गई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर शहर से बाहर होने के कारण नई दिल्ली में बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला मौजूद थे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी इस बैठक में मौजूद थे।