जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। कई क्षेत्रों का बजट बढ़ेगा, कुछ चीजें सस्ती होंगी तो कुछ पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। नए बजट के साथ नई उम्मीदें भी आती हैं कि आम आदमी के लिए राहत भरे कई फैसले लिए जाएंगे। लेकिन सवाल ये है अगर बजट में राहतभरी घोषणाएं होती भी हैं तो वे पूरी कब होंगी। होंगी भी या नहीं ?
दरअसल, पिछले साल भी वित्त मंत्री ने आम आदमी के जीवन को आसान बनाने के लिए कई बड़े ऐलान किए थे। जिनमें इकोनॉमी को बूस्ट करने, हेल्थ, एजुकेशन से लेकर बिजनेस तक के लिए बड़ी घोषणाएं की गई थीं। लेकिन वो घोषणाएं भाषण तक ही रह गईं। वहीं, जिन सेक्टर्स को प्रोत्साहित करने की बात सरकार ने की उन्हीं क्षेत्रों को बजट एलोकेशन भी कम कर दिया गया।
खेल बजट में कटौती
साल 2020 में सरकार ने खेल बजट 2827 करोड़ रुपए घोषित किया गया था। बाद में जब कोरोना महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक और घरेलू टूर्नामेंट टल गए तो सरकार ने बजट घटाकर 1878 करोड़ कर दिया। इसके बाद साल 2021 में 2596 करोड़ रुपए का खेल बजट घोषित किया, जो बीते साल के मूल बजट की तुलना में करीब 230 करोड़ रुपए कम था।
हेल्थ रिसर्च बजट कटौती
मोदी सरकार स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं और हेल्थ रिसर्च पर जोर देने का दावा करती है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने संबोधनों में स्वास्थ्य व्यवस्था पर बात करते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के लिए डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च को 2663 करोड़ रुपए आवंटित किए। यह वित्त वर्ष 2020-21 के रिवाइज एस्टिमेट 4062 करोड़ से 34.4% कम है। दुनिया की बड़ी इकोनॉमी की तुलना में भारत अपने GDP का बहुत कम खर्च हेल्थकेयर सेक्टर में करता है। हेल्थ सेक्टर में भारत में अभी GDP का 1.6% ही खर्च होता है।
संस्कृति, ऐतिहासिक इमारतों के रखरखाव का बजट घटाया
भारतीय संस्कृति का लोहा पूरी दुनिया में माना जाता है। विदेशी पर्यटक भारतीय संस्कृति को करीब से जानने भारत आते हैं। लेकिन सरकार संस्कृति को लेकर उतनी गंभीर नहीं जितना वह अपने संबोधनो और एजेंडे में रहती है। क्योंकी संस्कृति मंत्रालय का ही बजट घटा दिया। इससे ऐतिहासिक बिल्डिंग्स के रखरखाव का काम अटक गया। आम बजट 2021 में संस्कृति मंत्रालय (MoC) के लिए 2688 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जो पिछले साल की तुलना में 461 करोड़ कम थे। इस कटौती से देश की सांस्कृतिक विरासत पर प्रभाव पड़ा।
पोषण योजनाओं का बजट घटाया
आम बजट 2021 में महिलाओं और बच्चों के अहम सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के लिए आवंटन घटा दिया गया। पोषण योजना के बजट आवंटन में 27% की भारी कटौती करते हुए इसे 3700 करोड़ से घटाकर 2700 करोड़ कर दिया गया। पोषण अभियान के ठीक से इम्प्लीमेंट नहीं होने के बावजूद पोषण 2.0 अभियान की घोषणा की गई।
विनिवेश का टारगेट अधूरा
निर्मला सीतारमण ने साल 2022 तक BPCL (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड), एयर इंडिया, IDBI, SCI (शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया), CCI (कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया), BEML, पवन हंस और नीलांचल इस्पात निगम के निजीकरण की बात कही थी। इसके अलावा भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को शेयर बाजार में उतारे जाने की घोषणा की थी। विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का टारेगट रखा गया था, लेकिन ये टारगेट अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
आने वाले बजट में आम आदमी कई उम्मीदों के साथ सरकार की ओर देख रहा है। बेलगाम मंहगाई, शिक्षा, खेल, हेल्थ, रोजगार समेत कई क्षेत्रों के लिए ऐसे बजट की जरूरत है जो देश के आम नागरिक से सीधे जुड़े हुए हैं। साथ ही मजबूत ढ़ांचागत व्यवस्था बनाने में अहम हैं।